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बजट से पहले जान लें इससे जुड़े ये 10 शब्द, समझने में होगी आसानी

बजट 2023 आम लोगों का बजट हो सकता है क्योंकि अगले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि वो आम आदमी को खुश कर दे। बचपन से ही ये ट्रेंड रहा है कि अगर बजट पेश किया जा रहा है तो पूरा परिवार उसे बैठकर देखता था। मेरे घर में ये किसी त्यौहार जैसा होता था। हालांकि, इसे देखा इसलिए जाता था ताकि ये पता चल सके कि क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा, लेकिन बजट से जुड़ी कई टर्म्स को हम समझ नहीं पाते थे। अब जब दोबारा बजट पेश होने वाला है तो चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसी ही टर्म्स के बारे में जो अधिकतर लोगों को पता नहीं होती हैं, लेकिन बजट के समय फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा हमेशा बोली जाती हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>

Shruti Dixit

Editorial

Updated:- 31 Jan 2023, 12:01 IST

फिस्कल डेफिसिट

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बजट के समय अगर कोई टर्म सबसे ज्यादा देखी जाती है तो वो है फिस्कल डेफिसिट। इसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है। अगर आपको फिस्कल डेफिसिट समझ ना आए तो घाटा तो समझ आएगा ही। ये तब होता है जब एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान सरकार का खर्च उसके द्वारा की गई आय से ज्यादा हो जाता है। इसमें उधार ली गई आय को नहीं जोड़ा जाता है। फिस्कल डेफिसिट से दिखाती है कि सरकार को कितने उधार की आवश्यकता है।

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कस्टम ड्यूटी

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कस्टम ड्यूटी एक तरह का इनडायरेक्ट टैक्स है जो हमारे देश में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर लगाया जाता है। इसका खर्च असल में कस्टमर के ऊपर आता है। 

बजट से जुड़ी और कौन सी टर्म आपको जाननी है इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

जीडीपी

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ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट या सकल घरेलू उत्पाद किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मापने का पैमाना माना जाता है। इसे क्वाटर्ली कैलकुलेट किया जाता है। ये देश के कुल उत्पाद को नापती है। यही ये बढ़ रही है तो मतलब देश की इकोनॉमी सही है और अगर ये कम हो रही है तो इसका मतलब ये कमजोर हो रही है। 

 

टैक्स रेवेन्यू

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इसका मतलब सरकार द्वारा टैक्स के रूप में कितनी कमाई की गई है। ये ना सिर्फ पर्सनल टैक्स को कैलकुलेट करता है बल्कि ये गुड्स और सर्विसेज को भी कैलकुलेट करता है। दोनों डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स इसमें आते हैं। 

फिस्कल पॉलिसी

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फिस्कल पॉलिसी या राजकोषीय नीति सरकार द्वारा लिया गया वो फैसला होती है जिससे खर्च कम किया जा सके और रेवेन्यू बढ़ाया जा सके। ये देश के आर्थिक गोल्स को पूरा करने के लिए बनाए गए नियम के अंतर्गत आती है। 

 

कंटिंजेंसी फंड

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कंटिंजेंसी फंड भारत के राष्ट्रपति के पास मौजूद एक तरह का फंड होता है जो अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने के लिए मौजूद होता है। पहले इसे संसद द्वारा अप्रूव किया जाता है और उसके बाद कंटिंजेंसी फंड को निश्चित किया जाता है। ये आमतौर पर 500 करोड़ होता है। 

रेवेन्यू डेफिसिट

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रेवेन्यू डेफिसिट जैसा कि नाम बता रहा है ये एक तरह का घाटा है जो सरकारी आय पर होता है। इसका मतलब है कि सरकार का दैनिक खर्च उसकी दैनिक आय के मुकाबले ज्यादा रहा। 

इसे जरूर पढ़ें- Budget 2023: ये 5 कारण बनाते हैं इसे आपके लिए जरूरी 

 

डायरेक्ट टैक्स

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डायरेक्ट टैक्स वो टैक्स होता है जो किसी व्यक्ति या बिजनेस की इनकम पर लगाया जाता है। डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, इनहेरिटेंस टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स आदि शामिल होते हैं। 

 

इनडायरेक्ट टैक्स

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इनडायरेक्ट टैक्स वो टैक्स होता है जो किसी चीज या सामान पर लगाया जाता है। इसमें कस्टम ड्यूटी, सेंट्रल एक्साइज टैक्स, जीएसटी, इनडायरेक्ट टैक्स आदि आते हैं। 

एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट

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संविधान के आर्टिकल 112 के अनुसार सरकार को हर वित्तीय वर्ष में (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) एक स्टेटमेंट देना होता है जिसमें सभी रसीद और खर्च का ब्यौरा होता है।