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Taraweeh Ki 10 Surah: तरावीह की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दस सूरतें यहां जानें

तरावीह की नमाज़ में पढ़ने वाली दस सूरतें ( Surah for Taraweeh Namaz in Hindi): कहते हैं कि रमजान के महीने में अल्लाह की खूब रहमत बरसती है। बुराई पर अच्छाई हावी हो जाती है। इस महीने मुसलमान अपनी चाहतों पर नकेल कस सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं। यूं तो एक दिन में पांच वक्त की नमाज़ अदा की जाती है,लेकिन रमज़ान के महीने में तरावीह की नमाज़ पढ़ना भी जरूरी होती है। बता दें कि तरावीह की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है, जिसमें 20 रकात होती हैं और हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि तरावीह की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली 10 सूरत कौन-कौन सी हैं।  

Shadma Muskan

Editorial

Updated:- 28 Mar 2023, 18:03 IST

सूरह फिल

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अलम तरा कैफा फाअला रब्बुका बियस हाबिल फील। अलम यज़अल कै दाहुम फी तजलील। वा अर्सला अलैहिम तैरन अबाबील। तर्मीहिम बिही जारतिम में सिज्जील। फजा अलाहुम का सिफिम माकूल।

Alam tara kaifa fa’ala rabbuka bi ashaabil feel.Alam yaj’al kai dahum fee tad leel.Wa arsala ‘alaihim tairan abaabeel.Tar meehim bi hi jaaratim min sij jeel.Faja ‘alahum ka’asfim m’akool.

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सूरह नास

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कुल अऊजू बि रब्बिन नासि. मलिकिन नासि. इला हिन्नासि,मिन श र्रि ल वस् वासिल खन्ना सि,अल्लज़ी युवस विसु फी सुदु रिन्नासी,मिनल जिन्नति वन्नास.

Qul a’uzu birabbin naas.Malikin naas. Ilaahin naas. Min sharril was waasil khannaas.mAl lazee yuwas wisu fee sudoorin naas. Minal jinnati wan naas. 

आप इन सूरत को तरावीह की नमाज़ में पढ़ सकती हैं। अगर आपको मन में कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।  

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Image Credit-(@Freepik)  

सुरह कुरैश

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लि इलाफि कुरैश। इलाफिहिम रिहलतश शिताई वस सैफ। फल यअबुदू रब्बा हाज़ल बैत। अल्लज़ी अत अमाहुम मिन जुआ। व आमना हुम मिन खौफ।

Li-ilaafi quraish.Elaafihim rihlatash shitaa-i wass saif. Fal y’abudu rabba haazal-bait. Allazi at’amahum min ju’inw-wa-aamana hum min khawf.

सूरह माऊन

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अ र अै तल लज़ी युकज़्ज़िबु बिद्दीन, फ जालिकल लज़ी यदुअ उल यतीम वला यहुहुद्दु अला तआमिल मिस्कीन, फ वै लुल लिल मुसल लीनल, लज़ी न हुम अन सलातिहिम साहूनल, लज़ी न हुम युराऊ न व यम नऊनल माऊन। (रमज़ान के महीने से जुड़े ये रोचक तथ्य)

Ara-aital lazee yu kazzibu bid deen.Fa zaalikal lazi yadu’ul-yateem. Wa la ya huddu ‘alaa ta’amil miskeen. Fa wai lul-lil mu salleen.Al lazeena hum ‘an salaatihim sahoon.Al lazeena hum yuraa-oon. Wa yamna’oonal ma’oon

सूरह कौसर

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इन्ना अअतैना कल कौसर, फसल लि लि रब्बि क वन हर, इन न शानि अ क हुवल अबतर।

Innaa a’taina kal kauthar. Fa salli li rabbika wanhar. Inna shani-aka huwal abtar

 

सूरह काफिरून

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कुल या अय्युहल काफ़िरून। ला अबदु माँ ता अबुदन। वाला अन्तुम आबिदु न माँ आबुद। वला अना आ बिदुम माँ अब ततुम। वला अन्तुम आबिदु न माँ आ बू दू। ला कम दिनु कम व लिय दीन।

Qul yaa-ai yuhal kaafiroon. Laa a’budu ma t’abudoon. Wa laa antum ‘aabidoona maa a’bud. Wa laa ana ‘abidum maa ‘abattum. Wa laa antum ‘aabidoona ma a’bud.Lakum deenukum wa liya deen.

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सूरह नस्र

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इज़ा ज अ नसरुल्लाहि वल फ़तहु। व र अै तन ना स यदखुलू न फी दीनिल्लाहि अफ़वाजा। फ़सब्बिह बिहम्दि रब्बि क वस्तग़ फ़िर हू इन्नहु का न तव्वाबा।

Iza jaa-a nas rullahi walfath. Wa ra-aitan naasa yadkhuloona fee deenil laahi afwajah. Fa sab bih bihamdi rabbika was taghfir, innahu kaana tawwaaba.

 

सूरह लहब

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तब्बत यदा अबी ल हबिव  व तब्ब। मा अग्ना अनहु मालुहू वमा कसब। सयस्ला नारन ज़ा त ल ह बिव। वम र अतुहू हम्मा लतल हतब। फी जीदिहा हब्लुम मिन मसद।

Tab bat yadaa abee Lahabinw-wa tabb. Maa aghna ‘anhu maaluhu wa ma kasab. Sa yas laa naran zaata lahab. Wam ra-atuhu hamma latal-hatab. Fee jeediha hab lum mim-masad.

 

सूरह इखलास

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कुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद लम यलिद व् लम यूलद वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद. (ज़कात और फितरा क्या होता है)

 Qul huwal laahu ahad. Allah hus-samad. Lam yalid wa lam yoolad. Wa lam yakul-lahu kufuwan ahad.

सूरह फलक

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कुल अऊजू  बि रब्बिल फलक। मिन शर्रि मां खलक। वमिन शर्रि ग़ासिकीन इज़ा वकब। व् मिन शर्रिन नफ्फा साति फिल उकद। व् मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद।

Qul a’uzoo bi rabbil-falaq.Min sharri ma khalaq.Wa min sharri ghasiqin iza waqab.Wa min sharrin-naffaa-saati fil ‘uqad. Wa min shar ri haasidin iza hasad.

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