<p style="text-align: justify;">डेंगू का प्रकोप आजकल बहुत तेजी से फैल रहा है। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं तथा यह मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। डेंगू में रोगी के जोड़ों और सिर में तेज दर्द होता है और बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में ज्यादा तेजी फैलती है। डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का लेवल बहुत तेजी से गिरता है इसलिए अगर इसका इलाज तुरंत न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू से बचने के लिए कोई स्पेशल दवाई नहीं है, लेकिन इस दौरान आपको आराम करने और ज्‍यादा से ज्‍यादा लिक्विड पीने की सलाह दी जाती है। हम आपको आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर राखी की सलाह से कुछ ऐसे ही ayurvedic tips के बारे में बता रहे हैं ताकी आप खुद को डेंगू के प्रकोप से बचा सकें।
आयुर्वेदिक डॉक्टर राखी का कहना है कि ''गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। यह आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रॉग और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है। और इम्यूनिटी स्ट्रॉग होने पर आप किसी भी बीमारी का आसानी से मुकाबला कर सकती हैं।'' डॉक्टर राखी सलाह देती हैं कि ''गिलोय के डंडी को सूखाकर पीस लें और फिर इसका सेवन करें। या आप या गिलोय के 7-8 पत्तों को लेकर कुचल लें उसमें 4-5 तुलसी की पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर काढा बना लीजिए।''
डॉक्टर राखी का यह भी कहना है कि ''गिलोय जिसे गुडूची के नाम से भी जानते हैं इसे चिकनगुनिया, डेंगू या नॉर्मल सभी तरह के बुखार की रामबाण औषधि माना जाता है।''
तुलसी इम्यूनिटी को स्ट्रॉग बनाने के साथ एंटी-बैक्टीरियल के रूप में काम करती है। 10 से 12 तुलसी के पत्ते और 4-5 काली मिर्च को गर्म पानी में उबालकर छानकर, डेंगू में पीना हेल्थ के लिए अच्छा रहता है। तुलसी की यह चाय डेंगू में बहुत आराम पहुंचाती है। यह चाय दिनभर में तीन से चार बार ली जा सकती है।
डॉक्टर राखी का कहना है कि ''हवन सामग्री जलाने से घर में डेंगू के मच्छर नहीं आते हैं। इसमें मौजूद कपूर और इलायची की खुशूब से डेंगू का मच्छर भाग जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ''मच्छर से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया कपूर के ज़रिये काबू पाया जा सकता है।''
डॉक्टर राखी बताती हैं कि, “ यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है। साथ ही बॉडी में होने वाले दर्द, कमजोरी, सुस्ती, थकान जैसे डेंगू बुखार के लक्षण को कम करने और बॉडी से टॉक्सिन निकालने में मदद करते हैं। पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है। डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का ताजा जूस निकाल कर एक-एक चम्मच लें।
डेंगू और चिकनगुनिया वायरल से बचने के लिए हमें नीम के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। नीम का तेल त्वचा पर लगाने से डेंगू का मच्छर हमें काटेगा ही नहीं। साथ ही नीम के जूस को पपीते के पत्ते के जूस के साथ मिलाकर पीने से बॉडी में प्लेटलेट्स के साथ-साथ इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा मच्छरों को घर से दूर रखने के लिए रोजाना नीम के पत्तों का धुआं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में छुपे मच्छर भी मर जाते हैं।
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