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‘Hero’ शब्द सिर्फ लड़कों के लिए क्यों, इंडस्ट्री में Gender Equality को लेकर बोलीं तापसी पन्नू

आम जीवन हो या प्रोफेशनल वर्कप्लेस हर जगह लड़के और लड़कियों के बीच किसी न किसी चीज़ को लेकर अन्तर किया जाता है। सिर्फ लड़कियां ही बच्चों को संभालेंगी, सिर्फ लडकियां ही खाना बनाएंगी... यहां तक की बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी अभिनेत्रियों को अभिनेताओं के मुकाबले कम आंका जाता है। Wages की बात हो या फिल्म में उनके सीन की... बहुत सी अभिनेत्रियों को वो प्लेटफार्म नहीं मिल पाता जो उन्हें मिलना चाहिए। जहाँ एक तरफ प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण और कंगना रनौत जैसी अभिनेत्रियों ने अपने आपको इंडस्ट्री में ‘हीरो’ साबित किया है वहीँ अब भी ऐसे लोग हैं जो अभिनेत्रियों को उतनी तवज्जों नहीं देते। ऐसा ही कुछ कहना है जल्द ही ‘दिल जंगली’ फिल्म में नज़र आने वाली तापसी पन्नू का। तापसी ने हाल ही में हमसे इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों की अहमियत के बारे में बात की और कहा कि बहुत से बदलाव आए हैं मगर, अब और ज़रूरी बदलाव आने बाकी हैं। आइये तापसी की इन बातों को विस्तार में जानते हैं।

Shikha Sharma

Her Zindagi Editorial

Updated:- 13 Feb 2018, 13:02 IST

लड़के और लड़की दोनों की भूमिकाएं सामान हैं

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तापसी ने कहा कि इंडस्ट्री हो या रियल लाइफ लोगों को यह जल्द से जल्द समझ जाना चाहिए कि लड़के और लड़कियों की भूमिकाएं हर जगह समान हैं। हर जगह दोनों की ज़रुरत है और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। तापसी ने कहा, “फिल्मों में इसका बहुत बदलाव आया है। कई फ़िल्में वूमेन सेंट्रिक होती हैं तो कई सिर्फ हीरोज़म को दर्शाती है। लेकिन, जनता को मज़ा तब आता है जब दोनों एक साथ डांस करते हैं और अपने अभिनय का बेहतरीन परफॉरमेंस देते हैं। इससे साफ़ साबित होता है कि लड़के और लड़कियां दोनों ही ज़रूरी हैं।“

‘हीरो’ शब्द सिर्फ लड़कों के लिए ही क्यों

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बहुत से लोग आज भी फ़िल्म देखने के पहले ते सोचते हैं कि इसमें हीरो कौन हैं, हीरोईन के बारे में कोई नहीं सोचता। “हमारी इंडस्ट्री में कई अभिनेत्रियों ने अपने अभिनय,  अपनी मेहनत और लगन से ये साबित किया है कि वो बिना हीरो के भी बॉक्स ऑफ़िस पर आग लगा सकती हैं फिर भी लोग उन्हें कम ही आंकते हैं। मैं तो जानना चाहती हूँ कि हीरो शब्द सिर्फ़ लड़कों के लिए क्यों हैं? क्या लड़कियाँ ख़ुद अपने आपको कम समझ रही हैं?, ” तापसी ने कहा।

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कुछ ऐसा योगदान देना चाहती हूँ मैं इंडस्ट्री को

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तापसी ख़ुद कई वुमेन सेंट्रिक फ़िल्मों का हिस्सा रही हैं जिसमें से ‘पिंक’ और ‘नाम शबाना’ तो काफ़ी फ़ेमस हैं। ऐसी फ़िल्मों को चुनने के बारे में बात करते हुए तापसी ने कहा, “मैं हमेशा से महिलाओं पर बनी फ़िल्मों में काम करना चाहती थी और मैं ख़ुश हूँ कि मुझे ऐसी फ़िल्में करने का भी मौका मिल रहा है। मैं इंडस्ट्री में कुछ ऐसा योगदान देना चाहती हूँ जिससे लोग ये पूछना भूल जाए कि आपकी फिल्म में हीरो कौन है?"

मेरी जेंडर इक्वेलिटी की सोच से हर कोई खुश नहीं हैं

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तापसी ने बताया कि मैं जानती हूँ कि कई लोग मेरी जेंडर इक्वेलिटी की सोच से खुश नहीं हैं मगर, मेरे साथ काम करने वाले मेरे सारे हीरोज मुझसे सहमत है। जो लोग मुझे करीब से जान जाते हैं उन्हें मेरी सोच से प्रॉब्लम नहीं होती। और जो लोग यह बात नहीं समझते मैं उन्हें समझाने में ज्यादा समय भी व्यर्थ नहीं करती।

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इस तरह का रोल भी है तापसी की विश लिस्ट में शामिल

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तापसी ने हमसे अपनी विश लिस्ट भी शेयर की। उन्होंने बताया कि वो आने वाले दिनों में किस तरह का किरदार निभाना चाहती हैं। तापसी ने कहा, “मैंने अब तक कॉमेडी, ड्रामा, सीरियस और इंटेंस किरदार निभाएं हैं और अब मैं सिल्वर स्क्रीन पर अपना ग्रे शेड दिखाना चाहती हूँ। मुझे नेगेटिव नहीं मगर, हल्का ग्रे शेड लोगों के सामने पेश करना है। यह मेरे लिए नया होगा और मुझे लगता है कि मैं इसे बखूबी से निभा लूंगी। इसके अलावा मुझे लाइट हार्टेड ड्रामा, रोमांस और कॉमेडी भी पसंद हैं।“

तापसी साकिब सलीम के साथ फिल्म ‘दिल जंगली’ में नज़र आएंगी जो 16 फरवरी 2018 को रिलीज़ होगी। तापसी के साथ हमने साकिब से भी बात की। तापसी की बातों से सहमत होकर साकिब ने भी कहा, “तापसी बड़ी कूल हैं और हमारी Buddy बन गई हैं। पूरी कास्ट और क्रू तापसी की साथ इतनी कम्फर्टेबल हैं कि हम एक साथ एक कमरा भी शेयर कर लेते हैं। शूटिंग से थक-हार कर हम एक ही कमरे में सो जाते हैं। रही बात फिल्मों में जेंडर इक्वेलिटी की तो इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी हैं और हमें यकीन है कि एक दिन किसी को किसी से कम नहीं समझा जाएगा।“

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