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ज्‍यादातर महिलाओं में होती है इन 10 पोषक तत्‍वों की कमी, ये चीजें जरूर खाएं

महिलाओं को लगता हैं कि उन्हें पर्याप्त आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश महिलाओं कई तरह के विटामिन्‍स और मिनरल्‍स पाने के लिए रोजाना सही फूड्स नहीं खाती हैं। लेकिन शायद वह यह नहीं जानती हैं कि पोषक तत्वों की कमी के परिणामस्वरूप ऑस्टियोपोरोसिस, हाई कोलेस्ट्रॉल, एनीमिया और किडनी से जुड़ी समस्याएं आदि हो सकती हैं। हालांकि कुछ सप्‍लीमेंट इसमें आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन हमेशा नेचुरल स्रोतों से पोषक तत्व प्राप्त करना अच्छा रहता है। इसलिए सप्‍लीमेंट को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले विटामिन्‍स और मिनरल्‍स का सेवन बढ़ाने में मदद के लिए नेचुरल चीजों की एक लिस्‍ट बनाएं। अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि आपके किस पोषक तत्‍व की कमी है तो यह जानने के लिए किसी डाइटिशियन से परामर्श करें। आइए जानें ज्‍यादातर महिलाओं में कौन से पोषक तत्‍व की कमी पाई जाती है और इसे पूरा करने के लिए अपनी डाइट में क्‍या शामिल करना चाहिए? 

Pooja Sinha

Editorial

Updated:- 08 Apr 2021, 14:04 IST

विटामिन डी

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विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम के साथ काम करता है, लेकिन विटामिन डी में कैल्शियम की मात्रा अधिक नहीं है। धूप में जाना त्वचा के माध्यम से थोड़ी मात्रा में विटामिन डी प्रदान करता है, लेकिन बहुत ज्यादा धूप में रहना भी अच्छा नहीं है। इसलिए अपनी डाइट में फैटी फिश मछली जैसे ट्राउट या सैल्मन खाने से विटामिन डी का सेवन बढ़ाएं। विटामिन डी ज्‍यादा मात्रा में लेने के लिए कॉड लिवर ऑयल लेने की कोशिश भी कर सकती हैं। 

फोलिक एसिड

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प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है। पहले महीने में, यह न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स के जोखिम को कम करता है, और प्रेग्‍नेंसी के दौरान फोलिक एसिड सेल उत्पादन में सहायता करता है। फोलिक एसिड के प्राकृतिक स्रोतों में दाल, ब्रोकली, पास्ता, ब्रेड और अनाज शामिल हैं।
अगर आपमें भी इनमें से किसी पोषक तत्व की कमी है तो अपनी डाइट में ऊपर बताए फूड्स को शामिल करें। आहार व पोषण से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें। 

फाइबर

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फाइबर शरीर के डाइजेस्टिव सिस्‍टम के लिए बहुत अच्‍छा होता है, जिसमें मल त्याग को नियमित रखना भी शामिल है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्‍लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है। साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर होते हैं जैसे कि बीन्स। अच्छी मात्रा में फाइबर वाले फलों में कीवी, आम और अमरूद शामिल हैं।

कैल्शियम

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कैल्शियम सिर्फ हड्डियों की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। यह मजबूत दांतों को बनाए रखने के साथ-साथ मसल्‍स, हार्ट और नर्वस कामकाज में भी मदद करता है। कैल्शियम की कमी से महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है, इसलिए बचपन और यंग एज में ही भरपूर मात्रा में मिनरल प्राप्त करना और कैल्शियम के लेवल को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। ज्यादातर महिलाएं जानती हैं कि डेयरी उत्पादों में कैल्शियम होता है, लेकिन उनमें हड्डियों के साथ मछली जैसे सार्डिन में कैल्शियम डेयरी प्रोडक्‍ट्स से ज्‍यादा होता है।

विटामिन बी 12

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जो महिलाएं शाकाहारी हैं वह विटामिन बी 12 की कमी के लिए सबसे अधिक जोखिम में हैं क्योंकि विटामिन मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाता है। विटामिन बी 12 ब्‍लड, नर्वस और ब्रेन के कार्यों के उत्पादन में महत्वपूर्ण होता है। अगर आप बी 12 को बढ़ाने के लिए मीट नहीं खा सकती हैं, तो क्लैम, ओएस्‍टर या नोरी समुद्री शैवाल को लेने की कोशिश करें। होल मिल्‍क और अंडे में कम मात्रा में मिनरल्‍स होते हैं।

मैग्नीशियम

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मैग्नीशियम एक ऐसा मिनरल है जो दांतों और हड्डियों के निर्माण में मदद करता है, और यह सैकड़ों एंजाइम प्रतिक्रियाओं में शामिल है। साबुत अनाज जैसे ओट्स आदि का सबसे अच्छा स्रोत प्रदान करते हैं। अगर आप ओटमील नहीं चाहती हैं तो बादाम एक अच्छा स्रोत हैं। 

आयरन

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भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी सबसे ज्‍यादा पाई जाती है। यह मिनरल रेड ब्‍लड सेल्‍स के निर्माण और ऑक्सीजन के परिवहन के लिए आवश्यक है। आयरन के दो प्रकार हैं: हेम और नॉनहेम। हेम आयरन वह प्रकार है जो मीट में मौजूद होता है। नॉनहेम मांस और सब्जी दोनों स्रोतों में है। आपका शरीर नॉनहेम की तुलना में हेम आयरन को बहुत आसानी से अवशोषित करता है। अपने आयरन के सेवन को बढ़ावा देने के लिए, रेड मॉस या कस्तूरी जैसे सीप का सेवन करें। शाकाहारियों को नॉनहेम आयरन और फोर्टिफाइड इंस्टेंट ओटमील के स्रोत के रूप में फलियों को लेना चाहिए।

पोटेशियम

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पोटेशियम हड्डियों की मजबूती, हेल्‍दी मसल्‍स और नर्वस और एनर्जी उत्पादन में मदद करता है। कच्चे पालक में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, लेकिन आपको फायदे पाने के लिए लगभग दो कप खाने की आवश्यकता होती है। शकरकंद, केले और संतरे के रस में भी पोटेशियम होता है।

आयोडीन

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दुनिया भर में लगभग 40 प्रतिशत लोगों को पर्याप्त आयोडीन नहीं होने का खतरा है। आयोडीन थायराइड के सही कामकाज और थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए जरूरी मिनरल है। वे हार्मोन हड्डियों की हेल्‍थ, शरीर के विकास और ब्रेन के विकास को प्रभावित करते हैं। अपने शरीर में आयोडीन की मात्रा बढ़ाने के लिए, डेयरी, फिश या सूखे समुद्री शैवाल का सेवन करें।

विटामिन ए

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विटामिन ए आंखों के अलावा हमारी हड्डियों, त्वचा और दांतों के लिए अच्‍छा होता है। विटामिन ए दो प्रकार के होते हैं: प्रो-विटामिन ए और पूर्ववर्ती विटामिन ए। प्रो-विटामिन फलों और सब्जियों से मिलता है, जबकि पूर्वनिर्मित मीट और डेयरी जैसे पशु उत्पादों में होता है। हालांकि गाजर विटामिन ए का उत्कृष्ट स्रोत हैं, शकरकंद और भी बेहतर हैं।