वेट लॉस के लिए कैलोरी को कम करना ही काफी नहीं है बल्कि अपनी डाइट से अनहेल्‍दी फूड्स को बाहर निकालना भी बहुत जरूरी होता है। कुछ फूड्स फैट को ट्रिगर करके पेट के आस-पास के फैट का निर्माण करते हैं। इसलिए अपनी डेली डाइट में हमें जिस तरह के फूड्स शामिल करने चाहिए, उसे चुनने पर बहुत अधिक महत्व देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। शोधकर्ताओं ने यह साबित किया है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे वजन भी बढ़ने लगता है और अगर हम कुछ 'डाइट फूड्स' को चुनते हैं तो यह वास्तव में हमारे वेट लॉस की प्रक्रिया को कम कर सकता है। जी हां चूंकि आबादी का एक हिस्सा फिट और हेल्‍दी होने की कोशिश कर रहा है, इसलिए कंपनियों ने ऐसे उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए "लो फैट" और "डाइट फूड्स" को पेश करना शुरू कर दिया है, लेकिन क्या ये डाइट फूड्स वास्तव में हेल्‍दी हैं? हम ऐसा नहीं सोचते हैं, सभी नहीं, लेकिन उनमें से अधिकांश हेल्‍दी नहीं हैं। इसके अलावा हेल्‍दी, डाइट फूड, लो फैट, शुगर फ्री जैसे टैग को देखकर आप ज्‍यादा खाना खाती हैं जिससे आपका वजन बढ़ता है। आज हम आपको ऐसे की कुछ डाइट फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो चुपके-चुपके आपको मोटा बना रहे हैं।
हालांकि यह आपको हेल्दी लग सकता है, लेकिन यह दही का यह रूप हेल्दी नहीं है। वास्तव में लोगों के स्वाद को संतुष्ट करने और इसे आकर्षक बनाने के लिए इसमें चीनी और फ्लेवर मिलाया जाता है। अगर आप डाइट पर हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प नहीं है।
ब्राउन ब्रेड जिसमें अभी भी मैदा है। जी हां शायद आप इस बात से अभी तक अंजान थी कि अधिकांश ब्राउन ब्रेड में रिफाइंड आटा मिलाया जाता है ताकि उन्हें फूला हुआ और सॉफ्ट बनाया जा सके और यह एक ऐसा घटक है जो बिल्कुल भी डाइट-फ्रेंडली नहीं है।
पैकेज्ड मूसली में असली फलों को बहुत सारे चीनी, आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर और प्रिजर्वेटिव के साथ पैक किया जाता है जिससे आपका वजन कम होने की बजाय बढ़ने लगता है। इसलिए रोस्टेड ओट्स, नट्स, और हेल्दी सीड्स जैसे कद्दू, फ्लैक्ससीड बीजों को एक साथ भूनकर अपना होममेड मूसली बनाएं।
फ्रुक्टोज से भरपूर, पैकेज्ड सलाद ड्रेसिंग आपके हेल्दी सलाद को कैलोरी से भरपूर बनाती है और यहां तक कि आपका वजन भी बढ़ा सकती है।
तो अब तक आप महसूस कर सकते हैं कि सभी "डाइट फूड्स" हेल्दी नहीं हैं, वे आपको वजन कम करने में मदद नहीं करेंगे। वास्तव में यह वह कारण हो सकते हैं जो आप अभी भी वजन बढ़ा रही हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
फ्लेवर दही की तरह इस दही के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए इसमें चीनी की जगह फैट की मात्रा को मिलाया जाता है, लेकिन यह इंसुलिन को बढ़ा देता है और नए फैट सेल्स का निर्माण करता है। इसलिए सादा दही खाना हमेशा से ही बेहतर होता है।
इसमें नॉन-ग्लूटेन की तुलना में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए इसे आपको बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी नहीं है, तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि आपको होल वीट नहीं खाना चाहिए।
जब आप सुपरमार्केट से प्रोटीन बार ले रही होती हैं तो इसमें मौजूद "हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप" को जरूर चेक कर लें। यह आपको प्रीडायबिटीक भी बना सकता है। इसीलिए नट्स और सीड्स जैसे कद्दू और सूरजमुखी के बीजों से भरपूर प्रोटीन बार खुद से बनाना बेहतर होता है।
अगर आप पैक फ्रूट जूस को हेल्दी समझकर पीती हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि प्रिजर्वेटिव, स्वीटनर, स्वाद बढ़ाने वाले तत्व, फाइबर की कमी, इंसुलिन के लेवल का अचानक स्पाइक होना, ये सभी चीजें डाइट फ्रेंडली फ्रेश फ्रूट पैक जूस को अनहेल्दी बनाती हैं।
प्रोटीन शेक्स और यहां तक कि प्रोटीन पाउडर में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और सोडियम का हाई लेवल होता है जो इतनी कैलोरी जोड़ते हैं कि आप नज़र भी नहीं रख पाएंगी।
जीरो कैलोरी और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स डाइट सोडा को अनहेल्दी बनाते हैं। अगर आप यह सोचकर इसे पीती हैं कि इसे पीने से आपको वजन कम होगा तो हम आपको बता दें कि इसे पीने से आपका वजन चुपके-चुपके बढ़ने लगता है।
हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट के बाद खुद को एनर्जी ड्रिंक्स से ट्रीट करती हैं तो दो बार सोचें क्योंकि एनर्जी ड्रिंक्स में अधिक मात्रा में चीनी के साथ ढेर सारी कैलोरीज़ होती हैं, इसलिए बेहतर है कि नारियल या सादा पानी पिएं।
आलू के चिप्स अच्छे नहीं होते हैं, बेक किए हुए भी नहीं क्योंकि जब आलू अत्यधिक हाई टेम्परेचर में बेक्ड होते हैं तो वे एक्रिलामाइड्स नामक एक यौगिक छोड़ते हैं जो कैंसर का कारण बन सकता है। शोध में पाया गया है कि पके हुए चिप्स में आमतौर पर तले हुए चिप्स की तुलना में तीन गुना अधिक एक्रिलामाइड होता है।