
आम महिला हो या सेलिब्रिटी, कम उम्र की बच्ची हो या फिर 80 साल की वृद्ध महिला, फिजिकल हैरेसमेंट से खुद को कोई नहीं बचा पाया है। किसी के साथ राह चलते कोई घटना घटित हुई है, तो किसी को कार्यस्थल या अपनों से ही संघर्ष करना पड़ा है। फिल्म 'तारे जमीन पर', 'जवान' और 'शोर इन द सिटी' में दमदार भूमिका निभा चुकी एक्ट्रेस गिरिजा ओक कुछ दिनों से काफी चर्चा में हैं। यह चर्चा उनके किसी रोल को लेकर नहीं हो रही है, बल्कि खुद के साथ हुए फिजिकल हैरेसमेंट की घटना को जगजाहिर कर उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं। अपनी आपबीती सुनकर गिरिजा ने सभी को हैरान कर दिया है।
वाकई महिलाओं के साथ कभी सड़क, कभी घर, तो कभी लोकल ट्रेन, मैट्रो और कार्यस्थल पर हो रही घटनाओं के आंकड़े चौकाने वाले हैं। यह बयान करते हैं कि हम कितने भी आधुनिक युग में पहुंच जाएं, मगर महिलाओं को लेकर समाज की मानसिकता का बदलना बहुत मुश्किल है। आज भी समाज में कई छोटी सोच के लोग मौजूद हैं, जो महिलाओं को परेशान करने और कमजोर दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
लोकप्रिय मीडिया हाउस को दिए एक इंटरव्यू में जब गिरिजा ने आपबीती बताई तो वह वाकई रोंगटे खड़े कर देने वाला मोमेंट बन गया। गिरिजा के साथ हुआ हादसा सभी महिलाओं के लिए आई ओपनर है, कि कैसे खुद को अपनी बहन बेटियों को हमें समाज में आजाद घूम रहे दरिंदों से बचना है।

भारत में लोकल ट्रेन कई शहरों की लाइफ लाइन हैं। खासकर मुंबई और दिल्ली में लोकल ट्रेन और मेट्रो ट्रेन के बिना लोगों की जिंदगी ही रुक जाती है। सुविधा के इन साधनों पर पुरुष और महिलाओं का बराबरी का अधिकार है। इसमें महिलाओं के लिए खास इंतजाम भी किए गए हैं, मगर कई बार भीड़ होने या जल्दी होने की वजह से महिलाओं को कॉमन कम्पार्टमेंट में ही सफर करना पड़ता है, जिसमें सफर करने के लिए महिलाओं को मनाही भी नहीं है। गिरिजा ने भी इंटरव्यू में जिस घटना का जिक्र किया है, उसके मुताबिक वह 12 वर्ष की थी और लोक ट्रेन में सफर कर रही थीं। बहुत भीड़ थी और लोग एक दूसरे के इतने नजदीक खड़े थे कि आपस में उनके शरीर के कुछ हिस्से टच हो रहे थे। आगे की घटना गिरिजा बताती हैं, " लोकल ट्रेन का कॉमन कंपार्टमेंट था। मैं उसी में आराम से खड़ी थी । भीड़ थी मगर मैंने अपने बचाव के लिए सभी इंतजाम कर रखे थे, ताकि मैं किसी से टच न हो सकूं। कुछ ही देर में मुझे महसूस हुआ कि पीछे से किसी ने मेरी पीठ और फिर गर्दन को टच किया। मैं डर गई और पीछे मुड़कर देखा तो जा चुका था। मैं उसका चेहरा भी नहीं देख पाई। मगर मैं डर गई थी बहुत ज्यादा।"
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जरा सोचिए, 12 साल की उम्र में शायद यह समझ पाना भी किसी लड़की के लिए मुश्किल है कि शारीरिक शोषण होता क्या है, फिर जब इस तरह की घटना घटती हैं, तो उसके बाल मन में क्या असर पड़ता होगा, सोच कर भी मन कांप जाता है।
कुछ वक्त पहले ही गिरिजा ने अपने सोशल अकाउंट में AI Generated Images पर भी सावाल उठाए थे। गिरिजा ने अपने वीडियो में बताया," सोशल मीडिया पर मैं अपनी बहुत सारी ऐसी तस्वीरें देख रही हूं, जिनका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है। मेरा 12 साल का बेटा है। अभी वो किसी भी सोशल प्लैटफॉर्म पर नहीं है और उसे यह असली -नकली फोटो में अंतर भी नहीं पता है। शायद कुछ सालों बाद जब वो बड़ा होगा और सोशल मीडिया पर आएगा, तो वह भी यह सारी तस्वीरें देखेगा। उस वक्त हो सकता है कि उसे पता चल जाए कि यह सारी तस्वीरें नकली हैं और एआई जनरेटेड हैं, मगर उसके ऊपर इन सबका प्रभाव तो गलती ही पड़ेगा। मैं कैसे अपने बेटे को इन सब तस्वीरों को देखने से बचाऊं क्योंकि इंटरनेट तो एक सागर है और चाहे कितने साल बीत जाएं यह तस्वीरें तो इंटरनेट किसी कोने में हमेशा ही पड़ी रहेंगी। चलो एक बार के लिए मान लेते हैं कि इन तस्वीरों पर मेरे बेटे का ज्यादा ध्यान नहीं जाएगा, मगर इन तस्वीरों पर जो लोगों के गंदे कमेंट्स हैं, उन्हें पढ़कर उसे कितना खराब लगेगा। इस बारे में कभी किसी ने सोचा? "
गिरिजा ने इस वीडियो में आगे कहा, " मुझे यह बात बहुत डरा देती है कि मैं खुद की इस तरह की फोटो को बनने से रोक नहीं पा रही हूं। लोगों को इस चीप ट्रेंड को फोलो करने में मजा आ रहा है, मगर इससे किसी की इमेज खराब हो रही है, जिसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है।"
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गिरिजा ओक की आपबीती यह साफ दिखाती है कि उम्र, पहचान या सामाजिक दर्जा, किसी भी आधार पर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सड़क से लेकर लोकल ट्रेन, घर से लेकर कार्यस्थल तक, महिलाओं के साथ होने वाली ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आधुनिकता बढ़ने के बावजूद समाज की मानसिकता कब बदलेगी?
टेक्नोलॉजी के जमाने में जब हमें AI जैसी सुविधाएं प्राप्त हैं, उनका सही इस्तेमाल करने की जगह, लोग क्षण भर के मजे के लिए किसी की उम्र भर से कमाई इज्जत की धज्जियां उड़ा रहे है और इसमें उनको आनंद मिल रहा है।
गिरिजा का अनुभव हर महिला और हर परिवार के लिए एक चेतावनी है। हमें न केवल बाहर की दुनिया से सावधान रहना है, बल्कि ऑनलाइन हो रही गलत चीजों का शिकार बनने से भी बचना है।
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