
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दहलीज वह स्थान होती है जहां से ऊर्जा का प्रवेश और निकास दोनों होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि घर के मुख्य द्वार से आपके घर में ऊर्जा का प्रवेश होता है और यही वजह है कि घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर मन रोका जा सके। ऐसे ही अगर घर की दहलीज पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो जाए, तो घर में अशांति, धन की रुकावट, रिश्तों में तनाव या बीमारियों जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। कई बार आपके घर का बस्तु दोष जीवन में आने वाली समस्याओं का बड़ा कारण हो सकता है ऐसे में आपको घर का वास्तु ठीक करने की सलाह दी जाती है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि घर में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना ही आपको वास्तु दोषों से मुक्ति मिल सकती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश ही सकता है। आइए एस्ट्रोलॉजर अमिता रावल से जानें ऐसे ही वास्तु उपाय के बारे में जो आप घर की दहलीज में आजमा सकती हैं और घर के भीतर किसी भी तरह का बदलाव किए बिना ही वास्तु दोषों को दूर कर सकती हैं।
दहलीज को घर की ऊर्जा सीमा कहा जाता है। यह बाहर की नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकती है और घर के भीतर की सकारात्मक ऊर्जा को स्थिर रखती है। इसी वजह से कहा जाता है कि अगर यह स्थान अशुद्ध, टूटा या ऊर्जा की दृष्टि से असंतुलित हो, तो इसका असर पूरे घर के वातावरण पर पड़ता है।

वास्तु के अनुसार आपको कभी भी दहलीज पर जूते-चप्पल या गंदगी जमा नहीं होने देनी चाहिए जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर के भीतर होने से रोका जा सके। ऐसे ही खाली या सूनी दहलीज से धन और सुख की ऊर्जा धीरे-धीरे घर से बाहर चली जाती है। इसी वजह से आपको घर की दहलीज या मुख्य द्वार पर कुछ विशेष चिह्न बनाने की सलाह दी जाती है। यही नहीं दहलीज को हमेशा साफ और ऊर्जावान रखना भी बहुत जरूरी होता है।
अगर घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष है तो उसे दूर करने के लिए आप एक लाल कपड़ा लें और उसमें एक चम्मच नमक डालें। कपड़े को लाल धागे से बांधें और इसकी पोटली तैयार कर लें। इस पोटली को घर के मुख्य द्वार के ऊपर या दहलीज के एक कोने पर लटका दें। नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोखने या निष्क्रिय करने का काम करता है। लाल कपड़ा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है जिससे घर के भीतर अच्छी ऊर्जा प्रवेश होती है। जब लाल कपड़े और नमक का मेल होता है तब घर के आस-पास एक ऊर्जात्मक कवच बन जाता है, जो सभी प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करता है। इससे घर में मानसिक शांति, धन की वृद्धि और आपसी सामंजस्य बढ़ता है।

यह उपाय यदि आप शुक्रवार, शनिवार, रविवार, अमावस्या या पूर्णिमा तिथि के दिन करेंगी तो ज्यादा कारगर माना जाता है। इस उपाय को धनतेरस या दिवाली वाले दिन भी किया जा सकता है। हर 15 दिन या महीने में एक बार इस पोटली को बदल दें और पुरानी पोटली को बहते पानी में प्रवाहित कर दें। इससे किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर करने में मदद मिलती है।
अगर आपके घर में भी किसी भी तरह का वास्तु दोष है तो आपको दहलीज पर नमक की पोटली का यह उपाय जरूर आजमाना चाहिए। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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