Pitru Paksha Vastu Upay: पितृ पक्ष में आजमाएं वास्तु के ये सरल उपाय, पूर्वजों का मिलेगा आशीर्वाद

वास्तु के अनुसार यदि आप अपने घर में किसी भी चीज का स्थान निर्धारित करते हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आइए आपको बताते हैं पितृ पक्ष के लिए कुछ कारगर वास्तु उपायों के बारे में। 
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यह पितरों का सम्मान करने, उनकी शांति के लिए प्रार्थना करने और किसी भी नकारात्मक कर्म ऊर्जा को हल करने का समय माना जाता है। इस अवधि के दौरान पारंपरिक अनुष्ठानों के अलावा, वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करना भी जरूरी माना जाता है जिससे पैतृक ऊर्जा के साथ संबंध बनाए रखने में मदद मिलती है।

पितृ पक्ष के दौरान अपने घर को वास्तु के अनुसार व्यवस्थित करके, आप एक ऐसा वातावरण बना सकते हैं जो आपके पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुकूल हो। आइए वास्तु एक्सपर्ट डॉ मधु कोटिया से जानें कि पितृ पक्ष में कौन से वास्तु उपाय आजमाने चाहिए।

पितृ पक्ष से पहले घर के सभी स्थानों की करें सफाई

पितृपक्ष से पहले ही आपको घर के हर कोने को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि साफ-सुथरा और अव्यवस्था-मुक्त घर सकारात्मक पैतृक ऊर्जा को आमंत्रित करता है, जबकि गंदा या अव्यवस्थित घर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है। पितृ पक्ष की अवधि के दौरान पूर्वजों का आगमन धरती पर होता है, ऐसे में यदि हम साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं तो उनकी कृपा बनी रहती है और पितृ दोष नहीं लगता है। घर की सफाई के लिए घर के कोनों और छिपे हुए क्षेत्रों पर ध्यान दें जहां धूल और अव्यवस्था जमा होती है। इससे रुकी हुई ऊर्जा को दूर करने में मदद मिलती है।

दक्षिण-पश्चिम कोने में एक दीया जलाएं

deeya lit in south direction

घर के दक्षिण-पश्चिम कोने को पितृ स्थान या पूर्वजों से संबंधित स्थान माना जाता है। वास्तु के अनुसार आपको पितृपक्ष के दौरान इस दिशा में दीया जलाना अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने और उनकी आत्मा को शांति दिलाने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान हर शाम अपने घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही आप सरसों के तेल से भरा दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। पूर्वजों की प्रार्थना करें और कुछ क्षणों के लिए ध्यान करें, अपने पूर्वजों पर ध्यान केंद्रित करें और उनका आशीर्वाद लें।

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दक्षिण दिशा की ओर मुख करके श्राद्ध और तर्पण करें

वास्तु शास्त्र में, दक्षिण दिशा का संबंध मृत्यु के देवता और दिवंगत आत्माओं के रक्षक यम से होता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा-अर्चना और श्राद्ध कर्म करने का महत्व होता है। इस अवधि के दौरान आप जो भी पूजा या पितरों के निमित्त तर्पण करते हैं वो दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके ही करना चाहिए। वहीं आपको भूलकर भी दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोना नहीं चाहिए, इससे पूर्वज नाराज हो सकते हैं और आपके बनते काम बिगड़ सकते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान गाय, कौए और कुत्ते को भोजन खिलाएं

feeding cow in pitru paskha

हिंदू परंपरा में, यह माना जाता है कि कौवे पूर्वजों के दूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें खाना खिलाना दिवंगत आत्माओं के प्रति कृतज्ञता का कार्य माना जाता है। इसी तरह पितृ पक्ष के दौरान यदि आप गाय, कुत्ते और कौए जैसे पक्षियों को खाना खिलाते हैं तो पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इस उपाय के लिए आप अपने दैनिक भोजन में से कुछ हिस्सा पशुओं के लिए निकालें।

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उत्तर-पूर्व दिशा में किसी भी अव्यवस्था से बचें

आपके घर का उत्तर-पूर्व कोना आध्यात्मिकता और दैवीय ऊर्जा से जुड़ा है। पितृ पक्ष के दौरान, सुनिश्चित करें कि यह कोना साफ-सुथरा हो और भारी फर्नीचर या अनावश्यक वस्तुओं से मुक्त हो। इस स्थान पर कचरा रखने से आपके पूर्वज नाराज हो सकते हैं, वहीं आपको दक्षिण दिशा में भी कचरा रखने से बचना चाहिए।

पितृ पक्ष में टपकते नलों को ठीक करें

पानी जीवन और पवित्रता का प्रतीक है। यदि आपके घर में कोई नल या पानी का स्रोत टपकता है तो पितृ पक्ष के दौरान उसे ठीक करा लें। यदि इस अवधि में आपके घर का कोई भी नल टपकता दिखाई देता है तो इससे सकारात्मक ऊर्जा और धन की हानि हो सकती है और यह आपके लिए नकारात्मक ऊर्जा के स्रोत की तरह काम करता है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा में पवित्र पौधे लगाएं

plant trees in pitru paskha

वास्तु के अनुसार आपको पितृ पक्ष में घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुछ पौधे जैसे नीम, बेल आदि लगाने चाहिए। वहीं अगर आप किसी मंदिर के आस-पास पीपल का पेड़ लगाते हैं तो ये पितरों को प्रसन्न करने का एक आसान उपाय माना जाता है।

यदि संभव हो तो अपने बगीचे के दक्षिण-पश्चिम कोने में एक पीपल का पेड़ लगाएं। पीपल के पेड़ को एक पवित्र पेड़ माना जाता है जो पैतृक ऊर्जा को शांत करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही अपने घर के उत्तर-पूर्व कोने में या आंगन में तुलसी का पौधा लगाएं। पितृ पक्ष के दौरान नियमित रूप से इन पौधों को जल अर्पित करने और पूजा करने से पितरों की कृपा बनी रहती है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पूर्वजों की तस्वीरें सही दिशा में लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को वास्तु में पितृ स्थान माना गया है, जो स्थिरता और पूर्वजों से जुड़ी ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में अपने मृत पूर्वजों की तस्वीरें लगाना शुभ माना जाता है।

इस दिशा में तस्वीरें लगाने से पूर्वजों का आशीर्वाद घर के सभी सदस्यों पर बना रहता है और जीवन में सुख, शांति, व समृद्धि आती है। ध्यान दें कि पूर्वजों की तस्वीरें पूजा स्थल या बेडरूम में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है।

यदि आप पितृ पक्ष में यहां बताई बातों का ध्यान रखते हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images:Freepik.com

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