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Saraswati Puja 2025 Murti Sthapana Niyam: बसंत पंचमी के दिन इस दिशा में स्थापित करें मां सरस्वती की प्रतिमा, जानें सही नियम और महत्व

Saraswati Puja 2025 Murti Sthapana Kaise Kare: पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। अब ऐसे में वास्तु के हिसाब से मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने का सही नियम क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-02-01, 12:52 IST

हिंदू धर्म में सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन ज्ञान और कला की देवी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप कला के लेकर शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो बसंत पंचमी के दिन विधिवत रूप से मां सरस्वती की उपासना करें और उनके मंत्रों का जाप करें। आपको बता दें, मां सरस्वती की प्रतिमा भी वास्तु के हिसाब से स्थापित करने की मान्यता है। अगर नियमित रूप माता की प्रतिमा रखी जाए तो व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि मां सरस्वती की प्रतिमा किस दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है और नियम क्या है।

बसंत पंचमी के दिन वास्तु के हिसाब से स्थापित करें मां सरस्वती की प्रतिमा

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  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की मूर्ति को पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। यह दिशा सूर्योदय की दिशा होती है, और इस दिशा में माता की मूर्ति स्थापित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिशा में माता की मूर्ति स्थापित करके पूजन करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि माता सरस्वती की मूर्ति को स्थापित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मूर्ति को हमेशा साफ और स्वच्छ स्थान पर स्थापित करना चाहिए, और मूर्ति के सामने धूप, दीप और फूल अर्पित करने चाहिए। माता सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विद्या और कला में सफलता प्राप्त होती है।
  • बसंत पंचमी के दिन, मां सरस्वती की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान, बुद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिशा में मूर्ति स्थापित करने से न केवल घर में सकारात्मकता का संचार होता है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि का भी आगमन होता है। उत्तर दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे नकारात्मकता दूर होती है। यह दिशा ज्ञान और बुद्धि की देवी को समर्पित है, इसलिए यहां मूर्ति स्थापित करने से विद्यार्थियों और ज्ञान के साधकों को विशेष लाभ मिलता है। उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। यहां मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने से घर में धन और धान्य की वृद्धि होती है।

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मां सरस्ववती की प्रतिमा रखने के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन

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  • मां सरस्वती की प्रतिमा को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करना चाहिए। इन दिशाओं को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  • प्रतिमा को हमेशा एक साफ और पवित्र स्थान पर स्थापित करना चाहिए। उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। मां सरस्वती की प्रतिमा हमेशा शांत और सौम्य मुद्रा में होनी चाहिए। उनकी वीणा और पुस्तक उनके ज्ञान और कला का प्रतीक हैं।
  • मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करना चाहिए। पीला रंग ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है।
  • मां सरस्वती की प्रतिमा की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। उन्हें फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करना चाहिए।
  • मां सरस्वती की प्रतिमा को कभी भी अकेले नहीं रखना चाहिए। उनके साथ लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा भी रखनी चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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