धनु वार्षिक राशिफल
Nov 22 - Dec 21- पिछला वार्षिक
- वार्षिक
प्रेम जीवन
2025 धनु राशि के जातकों के लिए प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव का समय रहेगा। वर्ष की शुरुआत से 14 मई तक गुरु के षष्ठ भाव में शत्रु राशिगत होने से प्रेम संबंधों में चुनौतियां आ सकती हैं। इस दौरान साथी के साथ गलतफहमियां और तनाव बढ़ने की संभावना है। रिश्ते को संतुलित रखने के लिए धैर्य और स्पष्ट संवाद अनिवार्य होगा।
29 मार्च से शनि की ढैय्या का प्रभाव आपके रिश्तों में और अधिक जटिलताएं ला सकता है। हालांकि, 14 मई के बाद गुरु की सप्तम दृष्टि आपके प्रेम जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता लाएगी। सिंगल जातकों के लिए यह समय नए रिश्तों की शुरुआत का संकेत देता है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच गुरु के कर्क राशि में उच्चस्थ होने से विवाहित और प्रेम संबंधों में जुड़े लोगों के जीवन में मधुरता और आत्मीयता बढ़ेगी।
वित्तीय स्थिति
आर्थिक दृष्टि से 2025 धनु राशि के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। वर्षारंभ से 14 मई तक गुरु के षष्ठ भाव में शत्रुराशिगत होने से अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इस समय बंधुजनों के साथ विवाद आपकी वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। शनि की ढैय्या के कारण व्यवसाय में भी रुकावटों का सामना करना पड़ेगा।
14 मई के बाद गुरु की सप्तम दृष्टि आय में वृद्धि और आर्थिक योजनाओं को साकार करने का अवसर प्रदान करेगी। अक्टूबर से दिसंबर के बीच गुरु के उच्चस्थ होने से अचानक धनलाभ और आर्थिक प्रगति के योग बनेंगे। यह समय निवेश और बचत के लिए भी उपयुक्त रहेगा। हालांकि, खर्चों पर नियंत्रण बनाए रखना आवश्यक होगा।
पारिवारिक जीवन
पारिवारिक जीवन में 2025 मिश्रित अनुभवों से भरा रहेगा। वर्षारंभ से 14 मई तक गुरु के षष्ठ भाव में रहने और शनि की ढैय्या के प्रभाव के कारण घरेलू विवाद और तनाव बढ़ सकते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद होने की संभावना है, जिससे माहौल कुछ समय के लिए अशांत रह सकता है।
14 मई के बाद गुरु की सप्तम दृष्टि परिवार में शांति और सौहार्द्र का वातावरण बनाएगी। इस समय लंबे समय से रुके हुए कार्य पूरे होंगे, और परिजनों के साथ संबंध सुधरेंगे। 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर के बीच गुरु के उच्चस्थ होने से परिवार में खुशियां आएंगी। इस समय विवाह या संतान से संबंधित शुभ कार्य संपन्न हो सकते हैं।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के मामले में यह वर्ष सतर्क रहने की सलाह देता है। वर्षारंभ से 14 मई तक गुरु के षष्ठ भाव में शत्रुराशिगत होने और शनि की ढैय्या के प्रभाव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियां और मानसिक तनाव आपके लिए चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं।
18 अक्टूबर से 5 दिसंबर के बीच गुरु के उच्चस्थ होने से स्वास्थ्य में सुधार होगा और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे। फिर भी, शनि के प्रभाव के चलते नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार और दिनचर्या में योग-ध्यान को शामिल करना लाभकारी रहेगा।