Why is curd not eaten in the night

Sawan 2025: सावन में दही या कढ़ी क्यों नहीं खानी चाहिए?

हिंदू धर्म में सावन का महीना आरंभ हो चुका है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। अब ऐसे में सावन महीने में दही और कढ़ी क्यों नहीं चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-07-11, 17:53 IST

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दू धर्म में इसका बहुत महत्व है। इस दौरान भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के पूजा-पाठ और नियमों का पालन करते हैं। ऐसा ही एक नियम है सावन में कढ़ी या दही का सेवन न करना। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं इसके पीछे के ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारणों को विस्तार से।

सावन में कढ़ी-दही क्यों नहीं खाने चाहिए? (Sawan Mein Kadhi Ya Dahi Kyu Nahi Khane Chahiye)

can we eat curd in sawan

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में कच्चा दूध और दही भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। शिवलिंग पूजा के दौरान दूध से शिव जी का अभिषेक किया जाता है। वहीं, दही का लेप भी पूजा के दौरान लगाया जाता है। 

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ऐसे में कहते हैं कि दूध या दही का इस्तेमाल स्वयं के खाने के लिए नहीं करना चाहिए। यह एक प्रकार से भगवान शिव के अपमान के समान है। वहीं, कढ़ी में भी दही डलता है इसलिए कढ़ी खाने के लिए भी मना किया जाता है। 

यहां तक कि सिर्फ दूध, दही या कढ़ी ही नहीं बल्कि सवान में दूध से बनी हर एक चीज खाना वर्जित माना गया है। हालांकि इसके पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी मौजूद है जिसके बारे में लोग कम ही जानते हैं।

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विज्ञान कहता है सावन का महीना बारिश का होता है यानी कि मानसून सीजन। ऐसे में व्यक्ति के शरीर में पित्त बढ़ जाता है। पित्त बढ़ने से पाचन समस्याएं पैदा होने लगती हैं और शरीर अस्वस्थ हो जाता है। 

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can we eat curry in sawan

ऐसे में ठंडी चीजें नहीं खानि चाहिए और दही या कढ़ी का मूल स्वभाव ठंडक पैदा करना ही होता है। सावन के दौरान दही या कढ़ी खाने से शरीर का टेम्परेचर गिर सकता है और बढ़ता पित्त आपको बीमार बना सकता है।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर सावन में कढ़ी या दही खाने के लिए क्यों मना किया जाता है और क्या है इसके पीछे का धार्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।   

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FAQ
शिवजी की पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?
ॐ नमः शिवाय।नमो नीलकण्ठाय।ॐ पार्वतीपतये नमः।ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
शिव को बुलाने का मंत्र क्या है?
ओम नमो नीलकण्ठाय नम:
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