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Sita Navami Pr Kya Kare Kya Nahi 2025: सीता नवमी के दिन न करें ये गलतियां, पारिवारिक जीवन में बढ़ सकता है क्लेश

ऐसा माना जाता है कि सीता नवमी के दिन जहां कुछ कार्य करने से माता सीता को प्रसन्न किया जा सकता है तो वहीं, इस दिन कुछ कार्यों को भूल से भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो इससे पारिवारिक क्लेश में वृद्धि होती है।
Updated:- 2025-04-30, 16:15 IST

सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वैशाकः माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीतानावामी मनाई जाती है। इस साल सीता नवमी 5 मई, सोमवार के दिन पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जहां कुछ कार्य करने से माता सीता को प्रसन्न कर उनसे सुखी पारिवारिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है तो वहीं, इस दिन कुछ कार्यों को भूल से भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो इससे पारिवारिक क्लेश में वृद्धि होती है। आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि सीता नवमी के दिन के करें और क्या न करें।

सीता नवमी 2025 के दिन करें ये काम

sita navami 2025 pr kya nahi kar sakte hain

सीता नवमी के दिन प्रातः काल उठना बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद, पवित्र होकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना और भी उत्तम होता है, क्योंकि इससे तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। स्नान के बाद, घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करना और उसे फूलों, मालाओं और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाना चाहिए।

सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन किए जाने वाले कुछ विशेष कार्य माता सीता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होते हैं। इन कार्यों को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

सबसे पहले, सीता नवमी के दिन प्रातः काल उठना बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद, पवित्र होकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना और भी उत्तम होता है, क्योंकि इससे तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। स्नान के बाद, घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करना और उसे फूलों, मालाओं और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाना चाहिए।

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पूजा स्थल पर माता सीता और भगवान राम की सुंदर प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। माता सीता की प्रतिमा को विशेष रूप से श्रृंगारित करना चाहिए, जिसमें फूल, वस्त्र और आभूषण शामिल हों। इसके बाद, पूजा की शुरुआत में घी या तेल का दीपक जलाएं। माता सीता का ध्यान करते हुए उनसे सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

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sita navami 2025 pr kya kar sakte hain

सीता नवमी के दिन सीता चालीसा या रामायण के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से माता सीता के जन्म और उनके गुणों से संबंधित प्रसंगों का पाठ अवश्य करना चाहिए। पूजा के दौरान, माता सीता और भगवान राम को फल, मिठाई, और घर पर बने पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए।

इस पवित्र दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। अपनी श्रद्धा और स्वास्थ्य के अनुसार इस दिन उपवास भी रखा जा सकता है, जिसमें फलाहार या निर्जला व्रत शामिल हो सकता है। मंदिरों में या घर पर आयोजित धार्मिक कार्यों में सक्रिय रूप से सहयोग करना भी एक अच्छा कार्य है।

सीता नवमी 2025 के दिन न करें ये काम

सीता नवमी के दिन किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए। इसका अर्थ है कि हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वच्छ रहना चाहिए। अपवित्र या अशुद्ध कार्य करने से इस दिन बचना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन क्रोध और नकारात्मक विचारों को अपने मन में नहीं आने देना चाहिए। गुस्सा, ईर्ष्या या किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावनाएं इस पवित्र दिन के महत्व को कम कर सकती हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि इस दिन किसी का भी अपमान न करें, विशेष रूप से महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। माता सीता को स्त्री शक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए किसी भी महिला के प्रति अनादर का भाव रखना उचित नहीं है। मांस, मदिरा या किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन इस दिन पूर्णतः वर्जित है। यह दिन सात्विक रहने और मन को शुद्ध रखने का है, इसलिए ऐसे पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो मन को अशांत करते हैं।

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सत्य का पालन करना इस दिन बहुत आवश्यक है, इसलिए झूठ बोलने से बचना चाहिए। किसी के साथ भी कटु वचन नहीं बोलने चाहिए और सभी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। अपने घर और आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता देवी लक्ष्मी और माता सीता दोनों को प्रिय है। प्रकृति का सम्मान करना भी महत्वपूर्ण है, इसलिए अनावश्यक रूप से पेड़-पौधों को नहीं तोड़ना चाहिए।

sita navami 2025 pr kya karna chahiye kya nahi

कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना शुभ माना जाता है। सुबह देर तक सोना भी उचित नहीं है, क्योंकि सुबह जल्दी उठकर पूजा-पाठ में ध्यान देना इस दिन का महत्वपूर्ण अंग है। इन सभी कार्यों से परहेज करके हम माता सीता के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद के पात्र बन सकते हैं।

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image credit: herzindagi 

FAQ
सीता नवमी के दिन व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए?
सीता नवमी के दिन व्रत के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन फल, दूध, खीर, और सात्विक मिठाई खाई जा सकती है।
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