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परिक्रमा क्या है? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी?

भारतीय धर्मों में पवित्र स्थलों के चारों ओर श्रद्धा और भक्ति से चलने को परिक्रमा कहा जाता है। तीर्थों में लोग मंदिरों के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, जिसका विशेष पुण्य है।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-07-22, 11:36 IST

बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म में परिक्रमा का बहुत महत्व है। परिक्रमा का साधारण अर्थ है किसी पवित्र स्थान, मंदिर और मूर्ति के चारों ओर उसकी बाहिनी ओर से गोल घूमना या किसी तीर्थ या धार्मिक स्थल को बिना चप्पल जूते के चलना परिक्रमा कहलाता है। अक्सर लोग मंदिर और तीर्थों की परिक्रमा करते हैं। साथ ही ब्रजधाम वृंदावन, मथुरा और गोवर्धन धाम में परिक्रमा का विशेष महत्व है। वैदिक काल से ही किसी मनुष्य, गाय, देव मूर्ति, तीर्थ और पवित्र स्थानों के सम्मान में लोग बिना चप्पल के शुद्ध होकर परिक्रमा करते हैं। दुनियाभर के दूसरे धर्मों में परिक्रमा का चलन हिंदू धर्म की देन है। काबा और बोध गया में परिक्रमा की जाती है। 

हिंदू धर्म में पहली बार परिक्रमा किसने की थी? 

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हिंदू धर्म में सबसे पहली बार परिक्रमा भगवान कार्तिकेय और गणेश ने की थी। एक बार जब माता पार्वती और महादेव ने गणेश और भगवान कार्तिकेय को सृष्टि की परिक्रमा करने को कहा। जिसके बाद कार्तिकेय तो अपने मयूर पर सवार होकर परिक्रमा के लिए निकल पड़े, लेकिन गणेश जी का वाहन मूषक बहुत धीरे चल रहा था, जिस पर गणेश जी ने अपनी बुद्धि का प्रयोग कर अपने माता पिता को ही सृष्टी मान पार्वती और शिव जी की ही परिक्रमा शुरू कर दी। कहा जाता है कि गणेश और कार्तिकेय से ही हिंदू धर्म में परिक्रमा का प्रचलन शुरू हुआ।

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परिक्रमा का दार्शनिक महत्व क्या है?

परिक्रमा को लेकर दार्शनिक महत्व यह है कि पूरा ब्रह्मांड का प्रत्येक ग्रह-नक्षत्र किसी न किसी तारे की परिक्रमा कर रहा है और यही परिक्रमा जीवन का सत्य है। इसी प्रकार प्रत्येक मनुष्य का जीवन एक चक्र है और इस चक्र को समझने के लिए परिक्रमा जैसे प्रतीक का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार भगवान में पूरी सृष्टी समाई हुई है और उनकी परिक्रमा कर हम ये मानते हैं कि हमने पूरी सृष्टि की परिक्रमा कर ली।

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ये है हिंदू धर्म में की जाने वाली प्रमुख परिक्रमा

What is the significance of Parikrama

  • देव मंदिर और मूर्तियों की परिक्रमा, इसमें ब्रज धाम, जगन्नाथ, रामेश्वरम, तिरुवनन्तपुरम, तिरुवन्नमलई जैसे धार्मिक स्थलों की परिक्रमा की जाती है। वहीं देव मूर्ती में दुर्गा, शिव, विष्णु, हनुमान जी और गणेश समेत अन्य देवी देवताओं की परिक्रमा की जाती है।
  • नदियों की परिक्रमा में गंगा, नर्मदा, सरयू, कावेरी और गोदावरी समेत कई पूज्य नदियों की परिक्रमा की जाती है।

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Image Credit:  Herzindagi

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