सनातन धर्म में वट सावित्री का व्रत पति की सुख-शांति और आरोग्य और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने से वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है। यह दांपत्य जीवन को मजबूत करता है। इतना ही नहीं, निसंतान महिलाएं भी इस व्रत को संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। पंचांग के हिसाब से वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। अब ऐसे में जो महिलाएं वट सावित्री का व्रत रख रही हैं, उन्हें व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या खाने से बचना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
वट सावित्री व्रत मुख्य रूप से निर्जला रखने का विधान है, लेकिन यदि स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो या व्रत रखने में कठिनाई हो, तो फलाहार का सेवन किया जा सकता है। वट सावित्री के दिन व्रती महिलाओं को कुछ ऐसी चीजें हैं जो व्रत में खाया जा सकता है। इसलिए अगर आप व्रत रख रही हैं तो यहां विस्तार से जान लें कि क्या-क्या खाना है।
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वट सावित्री के दिन व्रती महिलाओं को कुछ ऐसी चीजें हैं, जो खाने से बचना चाहिए। इसलिए अगर आप व्रत रख रही हैं तो यहां जान लें। किन चीजों को व्रत में खाने से बचना चाहिए।
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