utpanna ekadashi 2025 date

Utpanna Ekadashi 2025 Date: कब है नवंबर महीने की उत्पन्ना एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Utpanna Ekadashi Kab Hai 2025: उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं और वह जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है, इसलिए इसे सनातन धर्म में एक बहुत ही पुण्यकारी तिथि माना जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-11-13, 14:08 IST

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और इसे सभी एकादशियों का मूल या आरंभ माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु के अवतारों के महत्व को दर्शाता है और ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्ची श्रद्धा से उपवास रखता है उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं और वह जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है, इसलिए इसे सनातन धर्म में एक बहुत ही पुण्यकारी तिथि माना जाता है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति को एकादशी के व्रत का आरंभ करना हो तो उत्पन्ना एकादशी सबसे श्रेष्ठ है। ऐसे में आइये जानते हैं किस इस साल कब पड़ रही है उत्पन्ना एकादशी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व? 

उत्पन्ना एकादशी 2025 कब है? (Utpanna Ekadashi Kab Hai)

वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 14 नवंबर, शुक्रवार के दिन रात 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 15 नवंबर, शनिवार के दिन रात 02 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को रखा जाएगा।

यह भी पढ़ें: हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद कहां चले गए नरसिंह भगवान?

उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi Shubh Muhurat 2025)

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। वहीं, इस दिन दान के लिए याकिसी भी अन्य शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01:53 बजे से दोपहर 02:36 बजे तक मौजूद है।

utpanna ekadashi 2025 kab hai

वहीं, इसके अलावा उत्पन्ना एकादशी के दिन हस्त नक्षत्र और विष्कुंभ योग रहेगा। ये दोनों किसी भी संकल्प से जुड़े काम को करने के लिए अच्छे माने जाते हैं। हस्त नक्षत्र और विष्कुंभ योग में लिया गया संकल्प अवश्य पूरा होता है और शुभ परिणाम प्रदान करता है।

यह भी पढ़ें: गुरुवार के दिन करें श्री विष्णु चालीसा का पाठ, नारायण की कृपा से दूर होंगी परेशानियां

उत्पन्ना एकादशी 2025 महत्व 

उत्पन्ना एकादशी का महत्व सभी एकादशियों में सर्वोच्च माना जाता है क्योंकि इसी दिन एकादशी देवी का जन्म हुआ था जिन्होंने भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट होकर मूर नामक राक्षस का वध किया था। यह घटना भगवान विष्णु की शक्ति 'एकादशी' को समर्पित है।

इसी कारण से इस व्रत का पालन इसी दिन से शुरू करने की परंपरा है। यह माना जाता है कि जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत करते हैं उनके पिछले जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं और उन्हें जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।

kab hai utpanna ekadashi 2025

इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं जिससे घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस व्रत को वर्ष भर की सभी एकादशियों के व्रत का प्रारंभ बिंदु माना जाता है। जो लोग पहली बार एकादशी का व्रत शुरू करना चाहते हैं उनके लिए यह दिन सबसे शुभ है।

हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या दान करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन खिचड़ी का दान करना शुभ माना जाता है।
उत्पन्ना एकादशी के दिन किस मंत्र का जाप करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मंत्र 'भगवते वासुदेवाय' का जाप करना चाहिए।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;