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Sita Navami Kab Hai 2025: इस साल कब है सीता नवमी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

माना जाता है कि सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा करने से शादीशुदा जीवन में सुख मिलता है और घर में शक्ति और शांति आती है। तो चलिए जानते हैं कि इस साल सीता नवमी कब है।  
Updated:- 2025-05-01, 16:10 IST

हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन माता सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन राजा जनक को खेत में हल चलाते समय सीता माता एक घड़े के अंदर मिली थीं। माना जाता है कि सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा करने से शादीशुदा जीवन में सुख मिलता है और घर में शक्ति और शांति आती है। तो चलिए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल सीता नवमी कब है, माता सीता की पूजा का अच्छा समय क्या है और सीता नवमी क्यों मनाई जाती है।

सीता नवमी 2025 कब है?

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वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का शुभारंभ 5 मई, सोमवार के दिन सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर होगा और तिथि का समापन अगले दिन यानी कि 6 मई, मंगलवार के दिन सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में सीता नवमी यूं तो उदया तिथि के अनुसार 6 मई को मनाई जानी चाहिए, लेकिन पौराणिक जानाकारी के मुताबिक, माता सीता का जन्म वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था। साथ ही, जब माता सीता जनक जी को मिलित थीं तब दोपहर का समय था। चूंकि 6 मई की सुबह ही तिथि का समापन हो रहा है। ऐसे मिज मध्याहन का ध्यान रखते हुए सीता नवमी का व्रत 5 मई को रखा जाएगा।

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सीता नवमी 2025 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 मई सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से शुरू हो रहा है और दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। ऐसे में माता सीता की पूजा के लिए अभिजीत उहुरत उत्तम है। इस उहुरत में पूजा करने से माता सीता प्रसन्न होंगी। वहीं, इस दिन अमृत काल दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से आरंभ होकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक चलने वाला है। इस दौरान दान करना श्रेष्ठ रहेगा। सीता नवी के दिन सत्तू या जल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 बजकर 12 मिनट से सुबह 4 बजकर 55 मिनट है जो पवित्र नदी में स्नान के लिए शुभ है।

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सीता नवमी 2025 महत्व

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सीता नवमी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। शास्त्रों में व्रणित है कि इस दिन माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। खासकर, विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत फलदायी होता है। इस व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा, माता सीता को शक्ति, त्याग और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे मेंसीता नवमी के दिन जो भी कोई महिला माता सीता की पूजाकरती है उसमें माता सीता के इन गुणों का भी विकास होता है। सीता नवमी के दिन जनक की दो इच्छाएं पूरी हुई थीं: एक संतान प्राप्ति की और दूसरा अकाल दूर होने की। इस दिन आता सीता की पूजा से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है और संतान प्राप्ति की बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।

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FAQ
सीता नवमी के दिन माता सीता को कौन से फूल अर्पित करें?
सीता नवमी के दिन माता सीता को पीले फूल अर्पित करने चाहिए।
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