Spiritual Significance of Bol Bam Bam Bhole

यात्रा के दौरान कांवड़िए क्यों बोलते हैं 'बोल बम बम भोले', जानें क्या है मान्यता

सावन का महीना शुरु हो गया है और इस दौरान शिव भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं। ऐसे में यात्रा के दौरान कांवरिया 'बोल बम बम भोले' क्यों बोलते हैं, चलिए जानते हैं। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-07-25, 15:28 IST

हर साल सावन मास में शिव भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं। इस दौरान शिव भक्त अधिक से अधिक संख्या में गंगा नदी या किसी पवित्र नदी के जल को कांवड़ में भरकर भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। कावड़िया सावन शिवरात्रि के खास अवसर पर शिव जी को गंगा नदी का जल अर्पित करते हैं। कावड़िया पैदल चलते हुए कांवड़ यात्रा को पूरा करते हैं। इस दौरान कांवरिया 'बोल बम बम भोले' मंत्र का जाप करते हुए यात्रा निकालते हैं और शिव जी पर जल चढ़ाने तक इस मंत्र का जाप करते हैं। क्या आपको पता है कि कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त 'बोल बम बम भोले' क्यों कहते हैं? यदि नहीं तो चलिए जानते हैं, हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से...

ये है 'बोल बम बम भोले' जपने का कारण

Bol Bam Bam Bhole Meaning

सदियों से सावन मास में कांवड़ यात्रा करने की प्रथा है। इस यात्रा में भगवान शिव का गंगा नदी के जल से अभिषेक किया जाता है और सोमवार का व्रत रखा जाता है। कांवड़िया केसरिया रंग के कपड़े पहन इस यात्रा को शुरू करते हैं। कावड़िया भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए कई किलोमीटर पैदल यात्रा कर शिव जी को जल अर्पित करते हैं। इस यात्रा के लिए जो भी पवित्र, प्रसिद्ध मंदिर और नदी मिले, वहां से यात्रा प्रारंभ कर शिव जी को जल अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा से भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न होते हैं, और उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

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यात्रा के दौरान कांवरिया 'बोल बम बम भोले' का जयकारा 

Kanwar Yatra Significance of Bol Bam,

यात्रा के दौरान 'बोल बम बम भोले का जयकारा लगाने से कांवड़ यात्रा शिवमय हो जाता है और भक्तों में नया उत्साह और जोश उत्पन्न होता है। कहा जाता है कि शिव जी के इस नाम का लगातार जाप करने से यात्रा में किसी तरह की बाधा नहीं आती है और बिना विघ्न और बाधा के कावड़ यात्रापूरी होती है। 

बता दें कि बोल बम एक सिद्ध मंत्र है, जिसे विस्तार से समझा जाए तो बम शब्द का अर्थ है ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ओमकार का प्रतीक है। इस मंत्र का लगातार जाप करने से शरीर में नई ऊर्जा आती है।  

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Image Credit: Herzindagi 

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