On which day we should not pluck bel patra ()

सावन सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ना चाहिए या नहीं?

सावन मास में शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है, साथ ही इस माह में शिव जी को बेलपत्र चढ़ाने के भी बहुत से पुण्य और लाभ हैं। ऐसे में क्या आपको पता है कि सोमवार को बेलपत्र तोड़ना चाहिए या नहीं?  
Editorial
Updated:- 2024-08-13, 17:23 IST

सावन मास शिव जी की भक्ति और आराधना का सबसे खास और पवित्र मास है। इस माह में सभी शिव भक्त भगवान शिव का जल, दूध, दही, घी और शहद समेत कई सारी चीजों से अभिषेक करते हैं। अभिषेक और रुद्राभिषेक के अलावा इस माह में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का भी बहुत पुण्य है। शिव पूजा के साथ-साथ भक्त भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाकर अपनी भक्ति प्रकट करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सावन मास में जितना बेलपत्र चढ़ाने का पुण्य है उतना ही एक दिन ऐसा है, जब बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक ने बताया है कि सावन मास के सोमवार के दिन भूलकर भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए, ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। चलिए पंडित जी से जान लेते हैं कि सावन सोमवार के दिन बेलपत्र को तोड़ने को लेकर क्या महत्व है, चलिए जानते हैं?

इस लिए नाराज हो जाते हैं भगवान शिव

Can we pluck Belpatra on Monday

पंडित जी ने बताया है कि शिव महापुराण की कथा के अनुसार शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन सावन मास के सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित होता है। इसका कारण यह है कि सावन सोमवार के दिन सभी बेलपत्रों में मां पार्वती का वास होता है और उस दिन बेलपत्र तोड़ने से देवी पार्वती का अनादर होता है। जब कोई सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ता है, तो मां पार्वती का अनादर होता है, जिससे भोलेनाथ भक्त से नाराज होते हैं और उस भक्त को बेलपत्रचढ़ाने का पुण्य तो नहीं लेकिन पाप चढ़ता है।

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सोमवार को नहीं तोड़ सकते बेलपत्र तो क्या करें?

On what days should Bel Patra never be plucked

यदि सोमवार के दिन आप बेलपत्र नहीं तोड़ सकते हैं, तो आप रविवार को बेलपत्र तोड़ लें। बेल पत्र कभी बासी नहीं होता है, इसे आप पहले से तोड़कर फ्रिज या फिर टोकरी में तोड़कर रख सकते हैं।

बेलपत्र को यदि आप शिव जी पर चढ़ा रहे हैं, तो आप चंदन से पत्तों में भगवान राम नाम लिखें। भगवान शिवको राम का नाम बहुत प्रिय है, ऐसे में यदि आपके पास वक्त है, तो बेलपत्र में राम का नाम लिखें और शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं।

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इसके अलावा यदि आपके पास बेलपत्र नहीं है, जैसे आस पास कोई पेड़ न हो या दुकान में भी बेलपत्र नहीं मिलता है, तो शिवपुराण की कथा के अनुसार आप शिवलिंग पर चढ़े हुए बेलपत्र को ही साफ पानी से धोकर दोबारा भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं। 

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