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Sawan Somwar Vrat Niyam 2025: पहली बार महिलाएं रखने जा रही हैं सावन सोमवार का व्रत, जानें जरूरी नियम और सावधानियां

हिंदू धर्म में सावन सोमवार को बेहद पावन माना जाता है। अब ऐसे में जो व्रती महिलाएं पहली बार सावन सोमवार का व्रत रख रही हैं तो उन्हें किन नियमों का पालन करने से उत्तम परिणाम मिल सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-07-12, 15:36 IST

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है और विवाहित महिलाओं के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना पूरी होती है। अगर आप पहली बार सावन सोमवार का व्रत रखने जा रही हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि आपका व्रत सफल हो और आपको शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त हो। अब ऐसे में जो महिलाएं पहली बार सावन सोमवार का व्रत रख रही हैं तो उन्हें किन नियमों का पालन करने से उत्तम परिणाम मिल सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन सोमवार के दिन व्रती महिलाएं जरूर करें इन नियमों का पालन

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  • व्रत रखने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। आप मन ही मन या हाथ में जल लेकर संकल्प कर सकती हैं कि आप पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत का पालन करेंगी।
  • व्रत के लिए आवश्यक पूजा सामग्री पहले से ही एकत्रित कर लें। इसमें भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर, बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद चंदन, अक्षत, फूल, दूध, गंगाजल, दही, घी, शहद, शक्कर, धूप, दीप, फल और मिठाई शामिल हैं।
  • पूजा स्थान को साफ करके भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और फिर शिवजी को जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर शिव चालीसा या शिव मंत्रों का जाप करें। शिव आरती करना न भूलें।
  • यदि आप निर्जला व्रत रख रही हैं, तो पूरे दिन जल का सेवन भी वर्जित होता है।

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  • फलाहारी व्रत में आप फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, सेंधा नमक से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं।
  • व्रत के दौरान अनाज, दालें, का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है।
  • व्रत के दौरान सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करना या सुनना शुभ माना जाता है। शिवजी के भजन और मंत्रों का जाप भी करते रहें, इससे मन शांत रहता है।

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  • शाम को फिर से शिवजी की पूजा करें और आरती करें। व्रत का पारण सूर्यास्त के बाद करें। पारण करते समय सबसे पहले फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें।

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Image Credit- HerZindagi

FAQ
सावन सोमवार व्रत कैसे रखा जाता है?
मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। भगवान शिव का अभिषेक करें और देसी घी का दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें। भगवान शिव को गंध, पुष्प, धूप, बेलपत्र, अक्षत समेत आदि चीजें अर्पित करें। व्रत कथा का पाठ करें।
सावन के सोमवार का व्रत कितने बजे खोलना चाहिए?
शिव पुराण के अनुसार सोलह सोमवार व्रत की पूजा दिन के तीसरे पहर में यानी कि 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए. व्रती को पूरे दिन शिव भक्ति कर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलना उत्तम रहता है.
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