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Rath Saptami Puja Vidhi 2025: रथ सप्तमी पर सूर्य देव की इस विधि से करें पूजा? जानें मंत्र

रथ सप्तमी का पर्व 4 फरवरी को पड़ रहा है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही, उनकी विधिवत पूजा की जाती है एवं सूर्य मंत्रों का जाप कर सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
Editorial
Updated:- 2025-02-03, 17:29 IST

माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन रथ सप्तमी मनाई जाती है। इस साल रथ सप्तमी का पर्व 4 फरवरी को पड़ रहा है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही, उनकी विधिवत पूजा की जाती है एवं सूर्य मंत्रों का जाप कर सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि किस विधि से करें रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा और कौन से मंत्रों का करें जाप एवं क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ।

रथ सप्तमी 2025 की पूजा विधि

रथ सप्तमी के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी, तालाब या घर में तिल, कच्चे दूध और गंगाजल मिले जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करके सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर उनकी पूजा करनी चाहिए।

rath saptami mantra 2025

पूजा में लाल पुष्प, अक्षत, तिल, गुड़ और चंदन अर्पित किए जाते हैं। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए तांबे के पात्र में जल, गुड़, लाल पुष्प और तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देते समय 'ॐ घृणिः सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।

इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। व्रत रखने का भी विशेष महत्व है, जिसमें व्यक्ति को फलाहार करके दिनभर भगवान सूर्य का ध्यान करना चाहिए।

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सूर्यदेव की कथा सुनना और दान करना भी इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। गुड़, तिल, चावल, लाल वस्त्र, तांबे के पात्र और गौदान से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।

इस दिन सूर्यदेव को खीर और गुड़ से बनी वस्तुएं भोग के रूप में अर्पित करें। पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करना अत्यधिक पुण्यकारी होता है।

rath saptami puja 2025

रथ सप्तमी 2025 के मंत्र

रथ सप्तमी के दिन प्रत्येक सूर्य मंत्र का जाप करने के अलग-अलग लाभ हैं। 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र सूर्य देव का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। इसका जाप करने से आत्मबल में वृद्धि होती है और मानसिक शांति मिलती है।

'ॐ आदित्याय च सोमाय मंगळाय बुधाय च | गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः' मंत्र 9 ग्रहों के लिए होता है, जिसमें सूर्य देव का विशेष उल्लेख है। इसे जाप करने से सभी ग्रहों की शांति होती है, खासकर सूर्य के प्रभाव से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

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'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य, और सम्मान में वृद्धि होती है। यह मंत्र विशेष रूप से सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान में वृद्धि करता है।

'ॐ सूर्याय आदित्याय नमः' यह मंत्र सूर्य देव की पूजा और व्रत के दौरान जाप किया जाता है। इससे व्यक्ति को सूर्य देव की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में रुकावटों के बावजूद सफलता मिलती है।

rath saptami puja vidhi 2025

सूर्य देव के मंत्रों का जाप करने से शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, और शरीर से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं। सूर्य मंत्रों का जाप करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से व्यापारियों के लिए लाभकारी होता है।

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