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May Sankashti Chaturthi Kab Hai 2025: कब है मई में संकष्टी चतुर्थी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

ऐसा माना जाता है कि मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी के एकदंत रूप की आराधना से न सिर्फ घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का आगमन होता है बल्कि व्यक्ति को सफलता भी प्राप्त होने लगती है।
Editorial
Updated:- 2025-05-14, 08:30 IST

मई माह में संकष्टी चतुर्थी आने वाली है। मई की संकष्टी चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्री गणेश के एकदंत स्वरूप की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी के एकदंत रूप की आराधना से न सिर्फ घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का आगमन होता है बल्कि व्यक्ति को सफलता भी प्राप्त होने लगती है। ऐसे में आइये जानते हैं कि मई के महीने में कब है संकष्टी चतुर्थी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

मई संकष्टी चतुर्थी 2025 कब है?

kab hai may sankashti chaturthi 2025

ज्येष्ठ माह के क्तिष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 16 मई, शुक्रवार के दिन सुबह 4 बजकर 3 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 17 मई, शनिवार के दिन सुबह 5 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 मई को रखा जाएगा।

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मई संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त चंद्रोदय के आधार पर तय होता है। ऐसे में चंद्रोदय का समय 16 मई को रात 10 बजकर 39 मिनट है। इसके अनुसार, पूजा के लिए इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट रहेगा।

संकष्टी चतुर्थी के दिन स्नान और दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 6 मिनट से आरंभ होगा और सुबह 4 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। किसी शुभ कार्य की शुरुआत हेतु विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

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मई संकष्टी चतुर्थी 2025 महत्व

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मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा से व्यक्ति के विघ्न दूर हो जाते हैं। शुभ कार्यों में आ रही बाधाएं नष्ट होती हैं और कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा से व्यक्ति को बुद्धि बल भी प्राप्त होता है क्योंकि गणेश जी को बुद्धि का देवता माना जाता है।

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मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति को रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। घर और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और व्यक्तिगत दोषों से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से रोगों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य प्राप्त होता है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
गणेश जी को दूर्वा कैसे चढ़ाएं?
पहले दूर्वा को साफ पानी से धो लें। फिर, दूर्वा के जोड़े बनाकर गणेश जी को चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
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