इस साल 17 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ हो चुका है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और दान जैसे कार्य करने का विधान है। वैसे तो इस अवधि के सभी दिन महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन नवमी तिथि का विशेष स्थान है।
पितृ पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी के नाम से जाना जाता है। गरुण पुराण की मानें तो मातृ नवमी के दिन सभी महिला पूर्वजों का श्राद्ध संस्कार किया जाता है और उनकी इस धरती से विदाई की जाती है।
इस दिन सभी मातृ पूर्वजों की शांति की कामना के साथ उनके निमित्त दान-पुण्य का भी विधान है और ब्राह्मणी को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है मातृ नवमी, क्या है इस दिन श्राद्ध का मुहूर्त और इस तिथि का महत्व क्या है।
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आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कब पड़ रही है पितृपक्ष की नवमी तिथि, क्या है इस दिन का महत्व और क्यों होता है इस दिन सिर्फ महिला पितरों का श्राद्ध कर्म। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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