Matru Navami Shubh Muhurat 2024: आज मातृ नवमी के दिन किया जाएगा महिला पूर्वजों का श्राद्ध संस्कार, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व 

यूं तो पितृपक्ष के सभी दिन महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन नवमी तिथि का विशेष स्थान शास्त्रों में मौजूद है। पितृपक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी के नाम से जाना जाता है। 
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इस साल 17 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ हो चुका है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और दान जैसे कार्य करने का विधान है। वैसे तो इस अवधि के सभी दिन महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन नवमी तिथि का विशेष स्थान है।
पितृ पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी के नाम से जाना जाता है। गरुण पुराण की मानें तो मातृ नवमी के दिन सभी महिला पूर्वजों का श्राद्ध संस्कार किया जाता है और उनकी इस धरती से विदाई की जाती है।

इस दिन सभी मातृ पूर्वजों की शांति की कामना के साथ उनके निमित्त दान-पुण्य का भी विधान है और ब्राह्मणी को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है मातृ नवमी, क्या है इस दिन श्राद्ध का मुहूर्त और इस तिथि का महत्व क्या है।

मातृनवमी 2024 कब है? (Matru Navami 2024 Kab Hai)

kab hai matru navami 2024

  • मातृनवमी तिथि आरंभ: 25 सितंबर, दिन बुधवार, दोपहर 12 बजकर 10 मिनट
  • मातृनवमी तिथि समापन: 26 सितंबर, दिन गुरुवार, दोपहर 12 बजकर 25 मिनट
  • ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मातृ नवमी 26 सितंबर के दिन मनाई जानी चाहिए।
  • हालांकि तिथि क्षय के कारण मातृनवमी के दिन श्राद्ध कर्म 25 सितंबर का होगा।

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मातृनवमी 2024 का मुहूर्त (Matru Navami 2024 Ka Muhurat)

  • मातृनवमी के दिन अपराह्न काल में माता, बहन, बहु, बटी आदि का श्राद्ध होता है।
  • ऐसे में श्राद्ध कर्म का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 35 मिनट है।
  • यानी कि पूजा और तर्पण आदि के लिए कुल अवधि है, 2 घंटे और 25 मिनट।

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मातृनवमी 2024 का महत्व (Matru Navami 2024 Ka Mahatva)

matru navami 2024 ki tithi

  • मातृनवमी के दिन महिला पितृ का श्राद्ध करना उचित और श्रेष्ठ माना जाता है।
  • इस दिन घर की महिला द्वारा महिला पितृ की पूजा करने से दोष दूर होता है।
  • इस दिन श्राद्ध करने से महिला पितृ को शांति मिलती है और मोक्ष प्राप्ति होता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कब पड़ रही है पितृपक्ष की नवमी तिथि, क्या है इस दिन का महत्व और क्यों होता है इस दिन सिर्फ महिला पितरों का श्राद्ध कर्म। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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