हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है जिसका गहरा आध्यात्मिक और भौतिक प्रभाव होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब राहु और केतु सूर्य को ग्रसित करते हैं जिससे सूर्य की ऊर्जा क्षीण हो जाती है। इसे एक अशुभ काल माना जाता है जिसमें नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए, इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
ग्रहण के बाद स्नान करने, दान करने और शुद्धिकरण की परंपरा है ताकि नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके। ज्योतिष शास्त्र में, सूर्य ग्रहण को व्यक्तिगत और वैश्विक दोनों स्तरों पर परिवर्तनों का सूचक माना जाता है। हाल ही में ऐसा सुनने में आया था कि 2 अगस्त 2025 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है और यह साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इस बारे में विस्तार से बताया है कि कब लगेगा सूर्य ग्रहण और क्या होगा उसका प्रभाव।
कब लगेगा 100 साल बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, ये बात सच है कि 100 सालों बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण साल 2025 में नहीं बल्कि साल 2027 में लगेगा। सीधे-सीधे कहें तो 100 वर्षों के बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 में लगेगा।
यह ग्रहण 6 मिनट और 23 सेकंड तक चलेगा जो 21वीं सदी में जमीन से दिखने वाला सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले, 22 जुलाई 2009 को 6 मिनट और 39 सेकंड का पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था जो इस सदी का सबसे लंबा ग्रहण था।
यह भी पढ़ें:Surya Dev Pujan Vidhi: सौभाग्य प्राप्ति के लिए रविवार के दिन इस विधि से करें सूर्य पूजा
2 अगस्त 2027 का सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा?
2 अगस्त 2027 का यह ऐतिहासिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। जिन देशों से यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा उनमें दक्षिणी स्पेन, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया शामिल हैं। मिस्र में लक्सर शहर में सबसे अधिक समय यानी 6 मिनट 23 सेकंड तक पूर्ण ग्रहण का अनुभव होगा।
2 अगस्त 2027 का सूर्य ग्रहण क्या भारत में नजर आएगा?
2 अगस्त 2027 को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा। भारत के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी राज्य जैसे राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में लोग इसे आंशिक रूप से देख पाएंगे। सूर्य का लगभग 10% से 30% हिस्सा ही ढका हुआ दिखाई देगा जो कि स्थान के आधार पर भिन्न होगा। हालांकि, भारत में कहीं भी पूर्ण ग्रहण नहीं दिखेगा जिसका अर्थ है कि दिन के उजाले में पूरी तरह से अंधेरा नहीं होगा।
2 अगस्त 2027 के सूर्य ग्रहण का कैसा होगा प्रभाव?
माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है, इसलिए इस समय शुभ कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के बाद स्नान करने और दान करने का विधान है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव हर राशि पर अलग-अलग होता है। जिस राशि में ग्रहण लगता है उस राशि के लोगों पर इसका अधिक प्रभाव देखा जा सकता है।
यह आमतौर पर जीवन में बड़े बदलाव, चुनौतियों या नए अवसरों का संकेत दे सकता है। हण के दौरान, यह सलाह दी जाती है कि लोग शांत रहें, ध्यान करें और अपने आंतरिक आत्म पर ध्यान केंद्रित करें। कुछ लोग इस दौरान मंत्रों का जाप या आध्यात्मिक अभ्यास करते हैं। हालांकि, यह ग्रहण आंशिक रूप से भारत में दिखेगा इसलिए इसका कोई प्रभाव भारत के लोगों पर नहीं पड़ेगा।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों