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Marriage Rituals : जानें विवाह में पीले चावल का क्या होता है महत्व

सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य अक्षत या पीले चावल के बिना अधूरी मानी जाती है।  
Editorial
Updated:- 2025-07-22, 12:57 IST

(yellow rice importance) हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य में पीले चावल का होना बेहद जरूरी माना जाता है। इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। पूजा-पाठ में अक्षत चढ़ाने की परंपरा प्राचीन है। पौराणिक कथाओं में पूजा में पीले चावल चढ़ाने का उल्लेख किया गया है। चावल को सबसे शुद्ध और पवित्र अनाज माना जाता है।

आपको बता दें, शादी के समय दुल्हन और दुल्हे को शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है और शुभकारी भी माना जाता है। इसी के साथ चावल प्राचीन काल में खाद्यान्न के रूप में प्रयोग किया जाता है और भगवान के भोग के लिए भी किया जाता है।

अब ऐसे में पीले चावल का विवाह में क्या महत्व होता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

पीला चावल माना जाता है शुभता का प्रतीक (Yellow rice symbol of auspiciousness)

yellow rice

पीले रंग को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही पीला रंग भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) का सबसे प्रिय रंग है। जब भी विवाह और किसी बच्चे का जन्म होता है। तो ऐसे मौकों पर महिलाएं पीले रंग को पहनना बहुत शुभ मानती हैं। वहीं देवी-देवताओं को सभी फूल अर्पित किया जाता है, लेकिन पीले रंग के फूलों का विशेष महत्व होता है। जैसा कि आपने शादी के कार्ड में भी देखा होगा कि श्री गणेश का चित्र बनाने की परंपरा है, साथ ही उस कार्ड के साथ पीले रंग के चावल देने का भी रिवाज होता है। जो बहुत पवित्र माना जाता है। 

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पीला चावल माना जाता है सम्मान का प्रतीक (Yellow rice symbol of respect)

चावल को सकारात्मकता और पीले रंग के चावल को सम्मान, सत्कार और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सबसे पहले विवाह के कार्ड के साथ भगवान श्री गणेश (भगवान गणेश मंत्र) को अर्पित किया जाता है। उसके बाद कार्ड को पीले चावल दिए जाते हैं। ये चावल भगवान गणेश के आशीर्वाद के साथ आदरपूर्वक आमंत्रित करने का प्रतीक माना जाता है। 

पीला चावल से सभी देवी-देवता होते हैं प्रसन्न (yellow rice for God and Goddess)

जब भी किसी देवी-देवता की पूजा कर रहे हैं, तो उन्हें आमंत्रित करने के लिए पीले चावल का उपयोग किया जाता है। इससे सभी देवी-देवता घर आते हैं और व्यक्ति के सभी दूख कर देते हैं दूर

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पीला चावल चढ़ाते समय रखें ये ध्यान (yellow rice in puja rituals)

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अगर अब देवी-देवताओं को पीले चावल या अक्षत अर्पित कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि अक्षत खंडित नहीं होना चाहिए। इससे देवी-देवता नाराज हो सकते हैं और विवाह में अक्षत के साथ पीले फूल अर्पित करने बेहद जरूरी माना जाता है। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।

 

विवाह में पीले चावल का होना बहुत जरूरी होता है। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है और इसे अर्पित करने से सभी देवी-देवता प्रसन्न हो सकते हैं। यहां बताए गए लेख में विस्तार से पढ़ें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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