हिंदू धर्म में गजलक्ष्मी माता लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी के नाम से जाना जाता है। गजलक्ष्मी को समृद्धि, सौभाग्य और राजसी वैभव की देवी माना जाता है। गजलक्ष्मी को पशुधन की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गजलक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को समृद्धि, सौभाग्य और राजसी वैभव का आशीर्वाद मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गजलक्ष्मी ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से उनके खोए हुए धन को वापस पाने में मदद की थी। अब ऐसे में गजलक्ष्मी की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और पूजा करने के दौरान किन नियमों का पालन करना है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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गजलक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति में वृद्धि हो सकती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से व्यापार में लाभ होता है और व्यवसाय में वृद्धि होती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है।
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