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Gajlakshmi Puja Vidhi: गजलक्ष्मी की पूजा किस विधि से करें, जानें सामग्री, नियम मंत्र और महत्व

हिंदू धर्म में गजलक्ष्मी अष्टलक्ष्मी स्वरूपों से ही एक हैं। इनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति गजलक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से करता है। उसे कभी भी किसी तरह की आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। आइए इस लेख में गजलक्ष्मी की पूजा विधि के बारे में जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-04-15, 13:34 IST

हिंदू धर्म में गजलक्ष्मी माता लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी के नाम से जाना जाता है। गजलक्ष्मी को समृद्धि, सौभाग्य और राजसी वैभव की देवी माना जाता है। गजलक्ष्मी को पशुधन की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गजलक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को समृद्धि, सौभाग्य और राजसी वैभव का आशीर्वाद मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गजलक्ष्मी ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से उनके खोए हुए धन को वापस पाने में मदद की थी। अब ऐसे में गजलक्ष्मी की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और पूजा करने के दौरान किन नियमों का पालन करना है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

गजलक्ष्मी की पूजा के लिए सामग्री क्या-क्या लगेगी?

  • गजलक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र
  • मिट्टी का हाथी
  • श्री यंत्र
  • कलश
  • लाल कपड़ा
  • चावल
  • हल्दी
  • केसर
  • चन्दन
  • दूर्वा
  • रोली
  • कपूर
  • धूप
  • दीप
  • फल
  • फूल
  • मिठाई
  • सोने या चांदी के सिक्के
  • गेहूं के आटे से बने मीठे रोट
  • 16 श्रृंगार का सामान
  • सुपारी
  • पान के पत्ते
  • नारियल
  • इत्र
  • पानी का कलश
  • चौकी
  • कुबेर यंत्र

गजलक्ष्मी की पूजा किस विधि से करें?

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  • गजलक्ष्मी देवी लक्ष्मी का एक विशेष रूप है, जो राजसी वैभव और समृद्धि का प्रतीक है। इनकी पूजा विधि के बारे में जान लें।
  • पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • गजलक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • एक कलश में जल भरकर रखें और उसके ऊपर नारियल रखें।
  • इसके बाद केसर या चंदन से रंगे अक्षत से अष्टदल बनाएं।
  • सबसे पहले, भगवान गणेश की पूजा करें।
  • गजलक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर फूल, रोली, और अक्षत चढ़ाएं।
  • "ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करें।
  • गजलक्ष्मी की षोडशोपचार पूजा करें, जिसमें 16 प्रकार की पूजा सामग्री शामिल होती है।
  • गजलक्ष्मी को गेहूं के आटे से बने मीठे रोट का भोग लगाएं।
  • गजलक्ष्मी को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
  • आखिर में गजलक्ष्मी की आरती करें।

गजलक्ष्मी की पूजा करने के नियम क्या हैं?

  • घर के मुख्य स्थान को साफ करें और वहां एक चौकी स्थापित करें।
  • गजलक्ष्मी की पूजा करने के दौरान माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप जरूर करें।
  • इनकी पूजा आप शुक्रवार के दिन विशेष रूप से करें।
  • गजलक्ष्मी की पूजा करने के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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गजलक्ष्मी की पूजा करने का महत्व

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गजलक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति में वृद्धि हो सकती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से व्यापार में लाभ होता है और व्यवसाय में वृद्धि होती है। गजलक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है।

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Image Credit- HerZindagi

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