navratri kalash visarjan vidhi

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के बाद कलश के पानी का क्या करें, नारियल और अखंड ज्योति का कैसे करें विसर्जन

चैत्र नवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है और इसके नौ दिनों में माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है। इस दौरान पूरी श्रद्धा भाव से कलश की स्थापना भी की जाती है। 
Editorial
Updated:- 2024-04-17, 12:49 IST

हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और पूरे नौ दिनों तक माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है। वैसे तो साल में नवरात्रि तिथि चार बार होती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का अपना अलग महत्व है। मुख्य रूप से चैत्र नवरात्रि इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इसी दौरान माता दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। तभी से माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन करते हैं।

चैत्र नवरात्रि में कलश की स्थापना की जाती है और अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है जो पूरे नौ दिनों तक जलती है। इसके बाद नवमी तिथि के दिन जिसे रामनवमी भी कहा जाता है, उस दिन नवरात्रि का समापन होता है।

अक्सर हमारे मन में इस बात को लेकर जिज्ञासा होती है कि नवरात्रि के समापन के बाद बची हुई पूजन सामग्री, कलश और नारियल का क्या करना चाहिए और यदि आपने अखंड ज्योति जागृत की है तो इसका विसर्जन कैसे करना है। हमने इस बारे में ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से बात की। आइए जानें कलश से लेकर अखंड ज्योति तक के विसर्जन के पूरे नियमों के बारे में। 

चैत्र नवरात्रि में कलश का विसर्जन कब करना चाहिए

kalash visarjan puja vidhi

चैत्र नवरात्रि के दौरान जब पूरे नौ दिनों की पूजा का समापन हो जाता है तब आपको नौवें दिन यानी कि रामनवमी को कलश पूजा स्थल से हटाना चाहिए या फिर उसका विसर्जन करना चाहिए।

कलश विसर्जन नवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद करना चाहिए। नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन होने के बाद आप कलश को विसर्जित करने के लिए सबसे पहले उसके ऊपर से नारियल उठाकर अलग रख लें और नारियल की चुनरी निकालकर रख दें।

कलश विसर्जन किसी भी नवरात्रि तिथि के समापन के बाद ही करना चाहिए। आप चैत्र नवरात्रि के बाद दशमी तिथि के दिन भी कलश का विसर्जन कर सकते हैं। ध्यान रखें कलश विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। 

इसे जरूर पढ़ें: Chaitra Navratri Jawara Visarjan Vidhi 2024: नवरात्रि में जवारे विसर्जन कब करें, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

कलश में रखे नारियल का क्या करें 

kalash pujan vidhi

जब आप कलश को माता की चौकी के पास से उठाएं तो सबसे पहले नारियल को अलग करके इसे एक लाल कपड़े में बांध कर घर के मंदिर या तिजोरी में रख सकते हैं। आप इस नारियल को नदी में भी प्रवाहित कर सकते हैं।

वहीं माता को चढ़ाए हुए नारियल को आप प्रसाद की तरह ग्रहण करें और कन्याओं को भी खिलाएं। यदि आप नारियल को कपड़े में बांधकर रख रही हैं तो इसी नारियल का इस्तेमाल अगली बार नवरात्रि में किया जा सकता है। ध्यान रखें कि नारियल को कभी भी कचरे वाले स्थान पर न डालें और न ही किसी अपवित्र स्थान जैसे बाथरूम के आस-पास रखें। 

इसे जरूर पढ़ें: Ram Navami 2024: इस साल रामनवमी पर बन रहा है विशेष संयोग, इन राशियों पर होगी प्रभु श्री राम की विशेष कृपा

कलश में रखे हुए जल का क्या करें 

कलश से नारियल हटाने के बाद आप इसमें रखे जल को पूरे घर में छिड़कें और बचे हुए जल को किसी गमले में डाल दें। कभी भी इस जल की नाली या बेसिन में बहाना नहीं चाहिए। इस जल को गंगाजल के सामान पवित्र माना जाता है और इसे पूरे घर में छिड़कने से पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। वहीं इस कलश के भीतर रखे सिक्के को आप अपनी तिजोरी या पर्स में रखें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है। 

चैत्र नवरात्रि के बाद अखंड ज्योति का क्या करें 

akhand jyoti visarjn

नवरात्रि के समापन के बाद यदि अखंड ज्योति प्रज्वलित है तो कोशिश करें कि उसे अपने आप ही शांत होने दें। कभी भी अखंड ज्योति को जानबूझकर या फूंककर नहीं बुझाना चाहिए। यदि आप अखंड ज्योति को जानबूझकर बुझाती हैं तो ये शुभ नहीं माना जाता है।

अखंड ज्योति के समापन के बाद इसकी बत्ती को निकालकर अलग कर लें और यदि इसमें तेल बचा हुआ है तो उस तेल का आप दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं। अखंड ज्योति के दीपक का तेल भी बहुत पवित्र माना जाता है। 

चैत्र नवरात्रि में कलश के पास उगे हुए जवारों का क्या करें  

जब आप कलश का विसर्जन कर दें तब कलश के पास उगे जवारों को बर्तन से निकालकर किसी गमले में इसका विसर्जन कर दें। इनमें से कुछ जवारे निकालकर अपनी तिजोरी या पैसों के स्थान पर रखें। इससे आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। मान्यता है कि जवारे आपके घर की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। 

चैत्र नवरात्रि कलश विसर्जन के समय नीचे रखे चावल का क्या करें

आप जब भी कलश की स्थपना करते हैं कलश के नीचे अक्षत रखना जरूरी माना जाता है। कलश विसर्जन के बाद इसके नीचे रखे अक्षत को पूरे घर में छिड़कना चाहिए। 

बचे हुए चावलों में से कुछ चावल घर में अनाज में मिलाएं और बाकी के चावल गमले में डालें। 

चैत्र नवरात्रि के समय कलश विसर्जन के नियम 

  • जब भी आप कलश की स्थापना घर में करें आपको ध्यान रखना है कि इसका नियम से विसर्जन जरूर करें। यदि आप इस कलश का विसर्जन नहीं करते हैं तो ये माता का अपमान होता है। 
  • कलश विसर्जन के समय आपको कुछ मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। इसमें ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥ मंत्र का जाप करना सबसे शुभ है। 
  • यदि आप कलश की स्थापना घर में करते हैं तो आपके लिए कन्या पूजन करना भी जरूरी मन जाता है। इससे ही पूजन का पूर्ण फल मिलता है। 

यदि आप चैत्र नवरात्रि के बाद कलश विसर्जन के समय यहां बताई बातों का ध्यान रखेंगी हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। 

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

 

आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images:Freepik.com

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;