ज्योतिष शास्त्र में मूंगा रत्न को मंगल ग्रह से संबंधित माना जाता है, जो साहस, ऊर्जा, आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक होता है। मंगल ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों पर पड़ता है, जैसे करियर, स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन और मानसिक शक्ति। यदि किसी की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो या मांगलिक दोष हो, तो ज्योतिषाचार्य मूंगा रत्न धारण करने की सलाह देते हैं।
यह रत्न न केवल मांगलिक दोष को दूर करने में सहायक होता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। मूंगा रत्न को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में कई बाधाएं समाप्त होती हैं और उसे नई ऊर्जा का अनुभव होता है। यह रत्न अन्य दोषों को शांत करने और जीवन को स्थिरता प्रदान करने में भी कारगर है।
हालांकि, मूंगा रत्न को धारण करने से पहले इसके नियमों और विधियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इसे सही तरीके से पहनने पर ही इसके पूर्ण लाभ मिलते हैं। मूंगा धारण करने के फायदे और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आइए ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से इसके महत्व को समझें।
मूंगा रत्न, जिसे अंग्रेजी में रेड कोरल कहा जाता है यह एक कीमती रत्न है जो अपने अद्वितीय रंग और ज्योतिषीय महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसका रंग लाल, गुलाबी या नारंगी हो सकता है और इसका चमकदार लाल रंग इसे खास बनाता है। ज्योतिष शास्त्र में मूंगा को मंगल ग्रह से जोड़कर देखा जाता है, जो साहस, ऊर्जा, आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक होता है।
माना जाता है कि मूंगा धारण करने से मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, जो व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों में सुधार लाने में सहायक होती है। यह रत्न उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है, जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होता है या जिन्हें मांगलिक दोष का सामना करना पड़ता है। मूंगा रत्न ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ करियर, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है।
मूंगा न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से बल्कि अपने रंग और सौंदर्य के कारण भी अत्यधिक मूल्यवान है। इसे धारण करने से पहले इसके नियमों और विधियों का पालन करना आवश्यक है, ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकें।
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मूंगा रत्न को धारण करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण ज्योतिष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। सही तरीके से धारण किया गया मूंगा किसी भी व्यक्ति के जीवन में शुभ परिणाम लाता है।
यदि आप मूंगा रत्न धारण कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण करने की जरूरत है। यदि कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हो, कमजोर हो, आप मांगलिक हों, तो आपको मूंगा धारण करने की सलाह दी जाती है।
यदि आपको ऐसी कोई ग्रह दोष की समस्या नहीं है तो आपको मूंगा धारण करने से बचना चाहिए। यदि आप इसे धारण कर रहे हैं तो ज्योतिष की सलाह से ही इसे पहनें।
मूंगा रत्न को धारण करने के लिए आपको शुभ दिन का चुनाव करना चाहिए। चूंकि यह मंगल का रत्न माना जाता है, इसलिए मंगलवार का दिन इसे धारण करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा रत्न को शुक्ल पक्ष के दौरान किसी शुभ मुहूर्त में पहनना शुभ होता है, जिसे इसका सकारात्मक प्रभाव मिले।
मंगलवार को मूंगा पहनने का कारण यह होता है कि यह दिन मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। शुभ मुहूर्त में इसे धारण करने से मंगल की अनुकूलता बढ़ती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। मूंगा रत्न को धारण करने से पहले पूजा और शुद्धिकरण की प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। मूंगा रत्न को हमेशा गंगाजल या शुद्ध जल में धोकर शुद्ध करना चाहिए और इसके बाद मंगल मंत्र का जाप करके उसे दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
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मूंगा रत्न धारण करने से व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। आइए जानें इसके बारे में-
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