आषाढ़ गुप्त नवरात्रि इस साल 26 जून, गुरुवार के दिन शुरू हो रही है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान घरों में घटस्थापना नहीं की जाती है लेकिन इन नौ दिनों में मां काली के नौ रूपों की पूजा, उनके मंत्रों का जाप और दुर्गासप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां काली के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करने से भिन्न-भिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जहां एक ओर आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि तांत्रिक क्रियाओं के लिए होती है तो वहीं, इन दिनों में कुछ सात्विक उपाय करना भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों के 9 महाउपायों के बारे में।
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की पूजा होती है। इस दिन स्वस्थ शरीर और रोगमुक्त जीवन के लिए मां काली को शुद्ध गाय के दूध से बनी खीर या कोई अन्य सफेद मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही, घर में अखंड दीपक जलाना शुभ माना जाता है जो नौ दिनों तक जलता रहे।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन मां तारा की पूजा की जाती है। धन वृद्धि के लिए मां दुर्गा के चरणों में कमल का फूल अर्पित करें। आप रोज 7 लौंग भी चढ़ा सकते हैं, इससे व्यापार में वृद्धि होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन मां त्रिपुरसुंदरी की पूजा होती है। यदि आप कर्ज से परेशान हैं, तो इन नौ दिनों तक हवन करें। हवन करते समय घी में कमलगट्टे भिगोकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें। इससे कर्ज से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
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चौथे दिन मां भुवनेश्वरी की पूजा की जाती है। धन लाभ के लिए तुलसी के 21 पत्ते लेकर गंगाजल से धो लें। इन पत्तों को मां दुर्गा को अर्पित करें। 'ॐ नमो भगवती विष्णुप्रियायै नमः' मंत्र का जाप करें। नवरात्रि के आखिरी दिन इन पत्तों को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें।
पांचवें दिन मां छिन्नमस्ता की पूजा होती है। नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचने के लिए इस दिन आप मां दुर्गा के मंदिर में लाल रंग के वस्त्र या चुनरी अर्पित करें। इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहती है।
छठे दिन मां त्रिपुरभैरवी की पूजा की जाती है। यदि आपको धन की कमी महसूस हो रही है तो गुप्त नवरात्रि के पहले दिन से ही एक साफ लाल कपड़े में चावल और कुछ कौड़ी बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। नौ दिनों तक इसकी पूजा करने के बाद आखिरी दिन इसे अपने घर के आंगन में दबा दें।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन मां धूमावती की पूजा की जाती है। यदि आपको किसी ग्रह दोष से मुक्ति पानी है, तो इस दिन दुर्गा सप्तशती के 11 पाठ करें और प्रतिदिन 11 लौंग के दानें एक कटोरी में जलाएं। इससे कैसा भी ग्रह दोष दूर होता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन मां बगलामुखी की पूजा होती है। इस दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें हरी चुनरी या वस्त्र भेंट करें। इससे सभी तरह के संकट दूर होते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौवे दिन नौवें दिन मां मातंगी और मां कमला की पूजा की जाती है। इस दिन नौ कन्याओं को मखाने की खीर खिलाएं, उन्हें दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। यह उपाय कर्ज मुक्ति और धन लाभ के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
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image credit: herzindagi
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