Anant Chaturdashi  Katha

Anant Chaturdashi Vrat Katha 2023: सुख-समृद्धि के लिए खास मानी जाती है अनंत चतुर्दशी की यह व्रत कथा

Anant Chaturdashi Vrat Katha 2023: भगवान विष्णु की पूजा करते समय अनंत चतुर्दशी की यह व्रत कथा जरूर पढ़ें और सुने। इससे व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है।
Editorial
Updated:- 2023-09-27, 16:15 IST

हर साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनके अनंत रूपों की पूजा करने पर भक्तों को अनंत फल की प्राप्ति होती है। 

अनंत चतुर्दशी इस साल 27 सितंबर 2023, बुधवार को शुरू हो रही है। अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2023) भी किया जाता है। पूरे 10 दिन भगवान गणेश की धूमधाम से पूजा करने के बाद लोग नम आंखों से बप्पा को अलविदा करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं।

व्रत रखने वाले भक्तों को इस दिन पौराणिक व्रत कथा का पाठ करना चाहिए।

अनंत चतुर्दशी के दिन यह व्रत कथा पढ़ना शुभ (Anant Chaturdashi Vrat Katha 2023)

Anant Chaturdashi  Katha

पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि एक गांव में बहुत समय पहले सुमंत नामक ब्राह्मण अपनी पत्नी दीक्षा के साथ रहते थे। उनकी एक पुत्री थी जिसका नाम सुशीला था। एक दिन अचानक उनकी पत्नी दीक्षा का किसी कारणवश निधन हो गया। जैसे-तैसे पूरा जीवन बिताने के बाद अब ब्राह्मण की बेटी बड़ी हो गई थी, उन्होंने अपनी बेटी का विवाह कौण्डिन्य मुनि नामक ब्राह्मण से करवा दिया। (भगवान गणेश मंत्र)

लेकिन बेटी सुशीला के विवाह के बाद आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। वह काफी परेशान रहा करती थी। एक दिन वह अपने पति कौण्डिन्य मुनि के साथ एक जंगल से गुजर रही थी, तभी उसने देखा कि एक नदी के पास कुछ महिलाएं मिलकर पूजा कर रही है।

 

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यह देखकर सुशीला भी उनके पास गई और उसने उनसे पूजा का कारण पूछा। तब महिलाओं ने बताया कि वह अनंत चतुर्दशी का व्रत कर रही हैं। महिलाओं ने बताया कि यह पूजा करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। (भगवान को लगाएं ये भोग)

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महिलाओं की बातें सुनकर सुशीला ने भी ऐसा ही किया। अनंत चतुर्दशी की पूजा करने के बाद सुशीला के साथ सब कुछ ठीक होने लगा था। लेकिन एक दिन उसके पति कौण्डिन्य मुनि ने गुस्से में आकर सुशीला के हाथों में बंधा अनंत सूत्र तोड़ दिया। अनंत सूत्र तोड़ते ही उनके परिवार में फिर से दुखों के बादल छा गए। 

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तब सुशीला और कौण्डिन्य मुनि ने विनय के साथ भगवान विष्णु से क्षमा-प्रार्थना की। काफी दिनों तक पूजा अर्चना करने के बाद एक दिन विष्णु जी बूढ़े ब्राह्मण के रूप में धरती पर आए। उन्होंने मुनि को अनंत व्रत के बारे में बताया। जिसके बाद मुनि ने अपनी पत्नी शीला के साथ यह व्रत किया और इसके प्रभाव से एक बार फिर उनका जीवन खुशियों से भर गया।

Image Credit: Freepik

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