5 अक्टूबर 2025, दिन रविवार को अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है जिसका सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह दिन प्रदोष व्रत के लिए अति शुभ है। हालांकि, भगवान शिव की पूजा 4 अक्टूबर को प्रदोष काल में ही हो चुकी है, लेकिन व्रत आज के दिन रखा जाएगा और प्रदोष व्रत का पारण आज शाम को सूर्यास्त के समय होगा। इसके अलावा, एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने हमें बताया कि आज के दिन राहुकाल समेत कई अशुभ योगों का निर्माण हो रहा है जिनके बारे में आप आज का पंचांग देखकर जान सकते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन शुक्ल त्रयोदशी | पूर्वा भाद्रपद | रविवार | वृद्धि | कौलव |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:15 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:01 बजे |
चंद्रोदय | शाम 04:58 बजे |
चंद्रास्त | सुबह 05:13 बजे (अगले दिन) |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:38 बजे से 05:27 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:46 बजे से 12:33 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:07 बजे से 02:54 बजे तक |
गोधुली मुहूर्त | शाम 06:02 बजे से 06:27 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | शाम 04:33 बजे से 06:01 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 03:05 बजे से 04:33 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 12:09 बजे से 01:37 बजे तक |
दुर्मुहूर्त | सायं 04:28 बजे से 05:15 बजे तक |
विडाल योग | सुबह 06:16 बजे सुबह 08:01 बजे तक |
आडल योग | सुबह 08:01 बजे से सुबह 06:16 बजे (अगले दिन) |
पंचक | पूरे दिन |
5 अक्टूबर 2025, दिन रविवार को हिन्दू धर्म के दो महत्वपूर्ण व्रत एक साथ मनाए जा रहे हैं: पहला रविवार व्रत और दूसरा प्रदोष व्रत। इस दिन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होने के कारण यह प्रदोष व्रत है और रविवार का संयोग होने से आज के दिन सूर्य देव की पूजा का भी महत्व है।
हालांकि, प्रदोष काल में शव जी का पूजन होता है। ऐसे में 4 अक्टूबर की शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना हो चुकी है, लेकिन आज पूरा दिन भक्तगण प्रदोष व्रत का अपालन करेंगे और शाम के समय में व्रत का पारण होगा। शनिवार के दिन शिव पूजन के कारण यह शनि प्रदोष है।
वहीं, 5 अक्टूबर यानी आज के दिन शिव आराधना के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा एवं रविवार व्रत भी रखा जाएगा। रविवार व्रत अच्छी सेहत और तेजस्विता के लिए रखा जाता है, जबकि प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए एवं रोग मुक्ति और लंबी आयु के लिए किया जाता है।
आज के दिन शाम को सूर्यास्त के समय शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर गाय के कच्चे दूध की धारा अर्पित करें और साथ में बेलपत्र चढ़ाएं। इस दौरान 'नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। यह उपाय आरोग्य और इच्छा पूर्ति के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इससे शिव कृपा प्राप्त होती है।
सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, लाल फूल और थोड़े से चावल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय 'सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। यह उपाय मान-सम्मान, कार्यों में सफलता, जीवन में उन्नति और सौभाग्य प्रदान करता है।
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image credit: herzindagi
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