Aaj Ka Panchang 4 September 2025: गुरुवार के दिन इन मुहूर्तों में करें शिक्षा से जुड़े काम, देखें आज का पंचांग

आज के दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा जो कि एक बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज गुरुवार का दिन है यानी कि भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह को समर्पित तिथि। बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह को शिक्षा, करियर, नौकरी, व्यापार आदि का कारक माना जाता है।
4 september 2025 ka panchang
4 september 2025 ka panchang

4 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज के दिन वामन जयंती और श्रवण द्वादशी का पर्व मनाया जाएगा। वामन जयंती भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन को समर्पित है। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसके अलावा, आज के दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा जो कि एक बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज गुरुवार का दिन है यानी कि भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह को समर्पित तिथि। बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह को शिक्षा, करियर, नौकरी, व्यापार आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में अगर आज के दिन शिक्षा से जुड़े काम किए जाएं तो उनमें सफलता अवश्य मिलेगी। तो चलिए एमपी, छिंदवाड़ा के पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग देखकर जानते हैं आज के दिन के शुभ योग और मुहूर्त।

आज का पंचांग 4 सितंबर 2025

तिथि नक्षत्र दिन/वार योग करण
भाद्रपदशुक्लद्वादशी श्रवण गुरुवार सौभाग्य बालव

4 september ke panchang ke bare mein

आज सूर्य और चंद्रमा का समय 4 सितंबर 2025

प्रहर समय
सूर्योदय सुबह 06:06 बजे
सूर्यास्त शाम 06:38 बजे
चंद्रोदय शाम 04:32 बजे
चंद्रास्त रात 03:22 बजे

आज का शुभ मुहूर्त और योग 4 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:37 बजे से सुबह 05:25 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक
अमृत काल शाम 05:10 बजे से शाम 06:49 बजे तक

गोधुली मुहूर्त

शाम 06:39 बजे से शाम 07:02 बजे तक
निशिता मुहूर्त रात 11:57 बजे से रात 12:43 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन
रवि योग पूरे दिन

आज का अशुभ मुहूर्त 4 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय
राहु काल दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 03:32 बजे तक
गुलिक काल सुबह 09:25 बजे से सुबह 10:59 बजे तक
यमगंड सुबह 06:17 बजे से सुबह 07:51 बजे तक
दुर्मुहूर्त सुबह 10:14 बजे से सुबह 11:03 बजे तक

4 september ke panchag ki details

आज व्रत और त्योहार 4 सितंबर 2025

4 सितंबर 2025 को वामन द्वादशी के रूप में भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन देव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु ने अदिति और महर्षि कश्यप के पुत्र के रूप में जन्म लिया था। वामन अवतार का मुख्य उद्देश्य राजा बलि के अहंकार को समाप्त करना और देवताओं को उनका खोया हुआ अधिकार वापस दिलाना था।

भगवान वामन ने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी थी और अपने विराट रूप में दो पग में ही तीनों लोक नाप लिए। तीसरा पग रखने के लिए जब बलि ने अपना सिर आगे किया तो भगवान ने उसे पाताल लोक का राजा बना दिया। यह कथा बताती है कि अहंकार का नाश निश्चित है और भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए किसी भी रूप में आ सकते हैं। इस दिन व्रत रखने और भगवान वामन की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है।

4 सितंबर 2025 को गुरुवार का दिन होने के कारण इस दिन गुरुवार व्रत का भी विशेष महत्व है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव (गुरु ग्रह) को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। जो भक्त यह व्रत करते हैं, उन्हें धन, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

यह व्रत विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और योग्य जीवनसाथी पाने के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। गुरुवार व्रत में केले के पेड़ की पूजा करना और पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन दान-पुण्य करने का भी बड़ा महत्व है, जिससे ग्रह-नक्षत्रों का शुभ प्रभाव पड़ता है और जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं।

आज का उपाय 4 सितंबर 2025

4 सितंबर 2025 को वामन द्वादशी के दिन आप भगवान वामन की पूजा और व्रत करके उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान वामन की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उनका पंचामृत से अभिषेक करें। पूजा में चावल, मिश्री, पीले फूल और फल अर्पित करें।

आप इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं। इसके अलावा, गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान वामन की कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए, जो अहंकार को त्यागने और विनम्रता को अपनाने का संदेश देती है।

गुरुवार व्रत के लिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और केले के पेड़ के पास घी का दीपक जलाएं। हल्दी, चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं और जल अर्पित करें। इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी होता है।

अगर आप विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं तो इस दिन केले का दान करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना और पीला भोजन जैसे बेसन के लड्डू या पीले चावल खाना शुभ होता है। इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में धन, ज्ञान और सौभाग्य को आकर्षित कर सकते हैं।

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image credit: herzindagi

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