हिंदू पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज आश्लेषा नक्षत्र के साथ इस दिन की शुरूआत हो रही है। साथ वज्र योग बन रहा है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में ही मौजूद है। आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। साथ ही व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।
वहीं आज रविवार के दिन किस मुहूर्त में सूर्यदेव की पूजा करें और आज का शुभ समय क्या है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि | आश्लेषा नक्षत्र | रविवार | वज्र योग | वज्र और सिद्धि |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 48 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 12 मिनट तक |
चंद्रोदय | प्रात: 08 बजकर 26 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 10 मिनट तक |
अमृत काल | सुबह 04 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 04 बजकर 45 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 21 मिनट से शाम 07 बजकर 41 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 10 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 43 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 25 मिनट से लेकर शाम 8 बजकर 21 मिनट तक |
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राहु काल | सुबह 05 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 03 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक |
दिशाशूल | पश्चिम दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें। |
दुर्मुहूर्त | शाम 05 बजकर 25 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 25 मिनट तक। |
पंचांग के हिसाब से आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इससे व्यक्ति की कुंडली में स्थित ग्रहदोष दूर हो सकते हैं और व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती है।
सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल में थोड़ा सिंदूर, लाल फूल और अक्षत मिला सकते हैं। अर्घ्य देते समय 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। यह शत्रुओं पर विजय दिलाने और स्वास्थ्य लाभ में भी सहायक है।
रविवार को गेहूं, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, माणिक्य, और लाल चंदन का दान करना शुभ माना जाता है। यह दान किसी गरीब व्यक्ति, मंदिर या ब्राह्मण को किया जा सकता है।
रविवार के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना और लाल वस्तुओं का प्रयोग करना शुभ फलदायी होता है। यह सूर्य के सकारात्मक प्रभावों को आकर्षित करता है।
जो लोग सूर्य की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, वे रविवार का व्रत रख सकते हैं। इस व्रत में एक समय फलाहार या नमक रहित भोजन किया जाता है।
घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। यह यंत्र सूर्य की ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है।
ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक माना जाता है। इसलिए, अपने पिता का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
ॐ सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊं भास्काराय नम:
आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से भक्तों के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो सकती है और व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है। इस दिन सूर्यदेव का गुड़ के जल का अर्घ्य विशेष रूप से देना चाहिए।
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Image Credit- HerZindagi
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