हिंदू पंचांग के अनुसार आज श्रावण कृष्ण की दशमी तिथि है और रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक को कार्यक्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से लाभ हो सकता है। साथ ही आज गण्ड योग बन रहा है और रोहिणी नक्षत्र है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा मेष राशि में ही मौजूद हैं। अब ऐसे में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा किस मुहूर्त में करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं और आज किस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
श्रावण कृष्ण पक्ष दशमी तिथि | रोहिणी नक्षत्र | रविवार | गण्ड योग | विष्टि और बव |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 12 मिनट तक |
चंद्रोदय | शाम 08 बजकर 41 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 07 मिनट तक |
अमृत काल | शाम 08 बजकर 38 मिनट से लेकर शाम 10 बजकर 07 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बज्कर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 46 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 9 बजकर 21 मिनट तक |
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राहु काल | शाम 05 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 10 मिनट तक |
गुलिक काल | दोपहर 03 बजकर 51 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 30 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 02 हजकर 12 मिनट तक |
दिशाशूल | पश्चिम दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें। |
दुर्मुहूर्त | शाम 05 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 17 मिनट तक |
आज श्रावण कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है और आज रविवार का दिन भी है। यह सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा-अर्चा करने का विधान है। इस दिन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
आज रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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