
26 अक्टूबर 2025 का दिन मुख्य रूप से लाभ पंचमी के कारण खास है जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ती है और व्यापार या किसी भी काम में लाभ और आर्थिक समृद्धि के लिए बहुत शुभ मानी जाती है, इसलिए इस दिन नई शुरुआत करना या कोई शुभ कार्य करना बहुत अच्छा माना जाता है। यह दिन रविवार भी है जो सूर्य देव को समर्पित है। साथ ही इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा जिससे कोई भी काम सफलतापूर्वक पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि सुबह 10:47 बजे तक ज्येष्ठा नक्षत्र भी रहेगा जो कि थोड़ा सावधानी बरतने वाला नक्षत्र माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण | 
| कार्तिक शुक्ल पंचमी | ज्येष्ठा | रविवार | शोभन | बव | 

| प्रहर | समय | 
| सूर्योदय | सुबह 06:27 बजे | 
| सूर्यास्त | शाम 05:42 बजे | 
| चंद्रोदय | सुबह 08:54 बजे | 
| चंद्रास्त | शाम 07:11 बजे | 
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय | 
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:47 AM से 05:38 AM | 
| प्रातः संध्या | सुबह 05:12 AM से 06:29 AM | 
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:42 AM से दोपहर 12:27 PM | 
| गोधूलि मुहूर्त | शाम 05:41 PM से 06:06 PM | 
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:57 PM से 02:42 PM | 
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 10:46 AM से अगले दिन (27 अक्टूबर) सुबह 06:30 AM तक | 
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय | 
| राहु काल | शाम 04:16 बजे से शाम 05:40 बजे तक | 
| गुलिक काल | दोपहर 02:59 बजे से शाम 04:24 बजे तक | 
| यमगंड | दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 01:35 बजे तक | 

26 अक्टूबर 2025 को दो प्रमुख त्योहार और व्रत हैं। सबसे महत्वपूर्ण है छठ पूजा का दूसरा दिन, जिसे खरना या लोहंडा कहा जाता है। इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला (बिना पानी के) व्रत रखते हैं। शाम को, वे गुड़ की खीर और रोटी (या पूड़ी) बनाकर छठी मैया को भोग लगाते हैं, जिसे 'खरना प्रसाद' कहते हैं। यह प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही व्रतियों का 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हो जाता है, जो अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी उम्र, सुख और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है।
इसके अलावा, हिंदू पंचांग के अनुसार यह दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि भी है, जिसे कई क्षेत्रों में लाभ पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से आर्थिक लाभ और व्यापार में उन्नति के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है ताकि जीवन में धन और समृद्धि बनी रहे। इस तरह, 26 अक्टूबर का दिन छठ पूजा के कठिन व्रत की शुरुआत और समृद्धि के लिए लाभ पंचमी के पूजन, दोनों का एक विशेष धार्मिक संयोग लेकर आ रहा है।
26 अक्टूबर 2025, रविवार का दिन है, और इस दिन लाभ पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। यह तिथि शुक्ल पक्ष की पंचमी है। पंचमी तिथि का संबंध धन और लाभ से माना जाता है, इसलिए इस दिन किए गए शुभ कार्य और पूजा-पाठ खास तौर पर व्यापार और कारोबार में लाभ दिलाने वाले होते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान सूर्य को जल अर्पित करें क्योंकि यह रविवार का दिन है जो सूर्य देव को समर्पित है। इसके बाद, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
लाभ पंचमी के दिन आप अपने व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं या दुकान/ऑफिस खोल सकते हैं क्योंकि इसे शुभ मुहूर्त वाला दिन माना जाता है। व्यापार में वृद्धि के लिए पूजा के समय भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को दूर्वा और कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन कुछ धन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है, जिससे आपके जीवन में सुख, समृद्धि और निरंतर लाभ बना रहता है। इस दिन किसी भी तरह के झगड़े या नकारात्मक विचारों से दूर रहने का प्रयास करें और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।
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image credit: herzindagi
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