
17 दिसंबर 2025 को पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का पंचांग कई मायनों में बेहद खास है क्योंकि इस दिन साल का आखिरी बुध प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन भगवान शिव और भगवान गणेश दोनों की कृपा पाने के लिए श्रेष्ठ है क्योंकि बुधवार और प्रदोष का मिलन बुद्धि, व्यापार और सुख-समृद्धि के द्वार खोलता है। इस पंचांग की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इस दिन अनुराधा नक्षत्र रहेगा जिसे सफलता और मित्रता का नक्षत्र माना जाता है जिससे धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाएगा। साल के अंत में आने वाला यह संयोग पुराने कष्टों को मिटाने और नई ऊर्जा के साथ अगले वर्ष में प्रवेश करने के लिए आध्यात्मिक रूप से बहुत शक्तिशाली है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण त्रयोदशी (रात 02:32 बजे तक) | अनुराधा | बुधवार | सुकर्मा | गर |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:08 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:27 बजे |
| चंद्रोदय | सुबह 05:21 बजे |
| चंद्रास्त | दोपहर 03:52 बजे (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:18 से सुबह 06:13 तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:57 से दोपहर 12:38 तक |
| प्रदोष काल (पूजा का समय) | शाम 05:27 से रात्रि 08:11 तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:00 से दोपहर 02:41 तक |
| अमृत काल | सुबह 08:18 से सुबह 09:59 तक |

| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 12:17 से दोपहर 01:35 तक |
| यमगंड | सुबह 08:25 से सुबह 09:43 तक |
| गुलिक काल | सुबह 11:00 से दोपहर 12:17 तक |
17 दिसंबर 2025 को पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है जो इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत है। बुधवार के दिन होने के कारण इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा। धार्मिक दृष्टि से यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश की कृपा पाने का भी संयोग बन रहा है। इस दिन शाम के समय में महादेव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं। साथ ही, इसी रात से मासिक शिवरात्रि की पूजा का महत्व भी जुड़ा है, जो इस दिन की आध्यात्मिकता को और बढ़ा देता है।
बुध प्रदोष के शुभ संयोग पर जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन भगवान शिव को हरे मूंग के दाने और शमी के पत्ते अर्पित करना बहुत शुभ होता है इससे व्यापार और करियर की बाधाएं दूर होती हैं। यदि आप मानसिक शांति चाहते हैं, तो शिवलिंग पर शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। चूंकि यह बुधवार का दिन है, इसलिए गणेश जी को दूर्वा चढ़ाना और गाय को हरा चारा खिलाना आपके सोए हुए भाग्य को जगा सकता है। साल के इस अंतिम प्रदोष पर शाम को घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और नए साल में खुशहाली आती है।
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image credit: herzindagi
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