भारत का एक ऐसा मंदिर जो अपने रहस्य के लिए जाना जाता है। इस अनोखी खासियत के चलते यह पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक पद्मनाभस्वामी मंदिर भी शामिल है। यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपने रहस्यों के लिए जाना जाता है। बता दें, पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी का है और इसका निर्माण त्रावणकोर के राजाओं ने करवाया था। मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का शानदार नमूना दर्शाता है और इसके गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा है जो 'शेषनाग' पर लेटी हुई है। यह मंदिर अपनी समृद्ध धार्मिक परंपराओं और अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। पद्मनाभस्वामी मंदिर में कुल 7 दरवाजें हैं। जिनमें सातवां दरवाजा बेहद खतरनाक मानी जाती है। यहां के पंडितों का कहना है कि इस सातवें दरवाजे के खुलने पर कलयुग का अंत हो जाएगा। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि पद्मनाभस्वामी मंदिर के बारे में जानते हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के त्रिवेंद्रम में स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर के खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने से बनी मूर्तियां हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर की 06 तहखानों में 20 अरब डॉलर की संपत्ति है। मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति सोने से बनी है। मूर्ति की लगभग कीमत 500 करोड़ रुपये है। इसके अलावा भगवान के पास हजारों सोने की जंजीरें भी हैं। भगवान का पर्दा ही 36 किलोग्राम सोने का है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर के गुप्त तहखाने में अपार धन छिपा हुआ है। मंदिर में कुल 7 तहखाने हैं। हर तहखाने से जुड़ा एक दरवाजा है। बता दें, साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक के बाद एक छह तहखाने खोले गए थे। जिसमें अपार खजाना है। इसमें कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा कीमत में सोने और हीरे का आभूषण मिले। जिसे मंदिर ट्रस्ट के पास रख दिए गए हैं।
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6 दरवाजों को खोलने के बाद सातवें दरवाजे को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस दौरान इस मामले को लेकर सातवें दरवाजे को खोलने पर रोक लगा दी। मंदिर का सातवां दरवाजा लकड़ी का बनी हुआ है। इस दरवाजे पर नाग की एक आकृति भी बनी है। ऐसा माना जाता है कि इस दरवाजे की रक्षा खुद भगवान विष्णु के अवतार शेषनाग कर रहे हैं। इस दरवाजे को खोलने से कोई भी अनहोनी हो सकती है।
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ऐसा माना जाता है कि मंदिर के इस सातवें दरवाजे को कुछ खास मंत्रों के उच्चारण से बंद किया गया था। जिसके कारण अब इसे नहीं खोला जा सकता है। दरवाजे पर बनी सांपों की आकृति को देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि इसे नाग पाशम जैसे मंत्र से बांधा गया है। अब गरुड़ मंत्र के उच्चारण से ही इस दरवाजे को खोला जा सकता है।
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Image Credit- herZindagi
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