हर साल जनवरी महीने में मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्योहार न केवल एक सांस्कृतिक पर्व है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस साल, 14 जनवरी, 2025 को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस साल मकर संक्रांति पर विष्कुंभ योग और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार, यह संयोग कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ फलदायी हो सकता है। अब ऐसे में मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को किस विधि से अर्घ्य देने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
मकर संक्रांति के दिन इस विधि से दें सूर्यदेव को अर्घ्य
मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए सूर्यदेव को अर्घ्य देने की विधि के बारे में जानते हैं।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें लाल फूल, कुमकुम, अक्षत, गुड़ और तिल मिलाएं।
- जल को ऊपर उठाकर सूर्य देव की ओर करते हुए मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ गायत्री मंत्र
- जल को सूर्य देव पर अर्पित करें। ध्यान रखें कि जल की धारा सीधी सूर्य पर पड़े।
- अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव का ध्यानपूर्वक दर्शन करें।
- अपनी जगह पर ही तीन बार घूमें, यह सूर्य देव की परिक्रमा के समान माना जाता है।
- आखिर में सूर्यदेव की आरती भी कर सकते हैं।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पीले वस्त्र ही पहनकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पूजा करें।
- सूर्यदेव को तांबे के लोटे में ही जल भरकर अर्घ्य दें। इससे शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
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मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के नियम क्या हैं?
- मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय जल में तिल मिलाना भी शुभ माना जाता है।
- सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद कुछ दान करना भी शुभ माना जाता है।
- सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय ध्यान रखें कि जल आपके आसन पर ना गिरे।
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सूर्यदेव को अर्घ्य देने का महत्व क्या है?
सूर्य देव को सभी देवताओं का अधिपति माना जाता है। मान्यता है कि सूर्य देव को नियमित रूप से अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। सूर्यदेव को अर्घ्य देने से मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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