दुनियाभर में दो प्रकार के ग्रहण को माना जाता है। एक चंद्र ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण। ऐसे में आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि चंद्र ग्रहण के समय पानी पीने से क्या होता है। इस बारे में हमें श्री हनुमत ज्योतिष संस्थान के संस्थापक ज्योतिर्विद अमित कुमार मिश्र बड़ागांव (डीह )वाराणसी ने जानकारी शेयर की है।
चंद्र ग्रहण कैसे लगता है?
सबसे पहले चंद्र ग्रहण की बात करें, तो जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, तो इसे चंद्र ग्रहण किया जाता है
चंद्र ग्रहण में क्या नही करना चाहिए?
चंद्र ग्रहण लगने से पहले ही सूतक काल लग जाता है। सूतक काल लगने से लेकर चंद्र ग्रहण के खत्म होने तक कुछ भी खाने और पीने की मनाही होती है।
चंद्र ग्रहण में पानी पीने के नुकसान
सूतक काल और चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस समय अनेक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का संचार तेजी से होता है। ऐसे में अगर इस समय कोई पानी भी पी लेता है, तो उसकी सेहत और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
चंद्र ग्रहण का पाचन पर असर
कुछ लोगों का मानना है कि चंद्र ग्रहण के समय व्यक्ति के शरीर की पाचन क्रिया बहुत प्रभावित होती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति चंद्र ग्रहण के समय पानी पीता है, तो उसका पाचन तंत्र और ज्यादा खराब होने की आशंका हो जाती है।
चंद्र ग्रहण और मानसिक स्थिति का संबंध
चंद्र ग्रहण का विशेष असर मानसिक स्थिति पर पड़ता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति चंद्र ग्रहण के समय पानी पीता है, तो उसको मानसिक तनाव हो सकता है।
चंद्र ग्रहण का शरीर पर प्रभाव
चंद्र ग्रहण का असर मानसिक ऊर्जा के साथ-साथ शारीरिक ऊर्जा पर भी पड़ता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति चंद्र ग्रहण के समय पानी पीता है, तो उसके शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
चंद्र ग्रहण में पानी क्यों नही पीना चाहिए?
चंद्र ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का संचार तेजी से होता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पानी पीता है, तो ये नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के आत्म विश्वास और मानसिक मनोस्थिति पर अपना नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के समय पानी पीने से बचना चाहिए। खबर पसंद आई हो, तो शेयर करें। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए herzindagi.com से जुड़े रहें।