शिव जी के 11 रुद्रो का सुबह-सुबह लेंगे नाम, होगा शुभ


Megha Jain
12-01-2024, 06:15 IST
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    हिंदू धर्म में शिव जी का नाम रुद्र रूप में आया था। रुद्र का अर्थ भयानक होता है। शास्त्रों में वैसे तो भोलेनाथ के 28 अवतार होते हैं, लेकिन उनमें से शिव जी के केवल 11 ही अवतारों की चर्चा की जाती है। आइए, शिव जी के 11 रुद्र अवतारों के नाम ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ. राधाकांत वत्स से जानते हैं -

तारा

    शिव जी के पहले रुद्रावतार का नाम तार है, जो तारा नाम से प्रसिद्ध है। इस अवतार की शक्ति तारादेवी मानी जाती है।

महाकाल

    शिव जी के दूसरे अवतार में महाकाल का नाम शामिल है। इस अवतार को शक्ति मां महाकाली मानी जाती है। उज्जैन में महाकाल नाम से ज्योर्तिलिंग विख्यात है।

बाल भुवनेश

    शिव जी का तीसरा अवतार बाल भुवनेश है। इस अवतार की शक्ति को बाला भुवनेशी माना गया है। इनका शक्तिपीठ उत्तराखंड में है।

षोडश श्रीविद्येश

    भोलेनाथ का चौथा अवतार षोडश श्रीविद्येश है। इसे देवी षोडशी श्रीविद्या माना जाता है। इन्हें तृतीया भी कहा जाता है।

भैरव

    शिव जी के पांचवे अवतार का नाम रुद्रावतार है। इन्हें भैरव कहा जाता है। इस अवतार की शक्ति को भैरवी गिरिजा माना जाता है।

द्यूमवान

    शिव जी के दस प्रमुख रुद्र अवतारों में छठा अवतार द्यूमवान नाम से प्रसिद्ध है। इस अवतार की शक्ति को देवी धूमावती के नाम से जाना जाता है।

छिन्नमस्तक

    भगवान शंकर का सातवा अवतार छिन्नमस्तक नाम का है। इस अवतार की शक्ति देवी छिन्नमस्ता माना जाता है।

बगलामुख

    शिव जी के आठवे अवसार का नाम बगलामुख से प्रसिद्ध है। इस अवतार की शक्ति को देवी बगलामुखी माना जाता है।

मातंग

    शिव जी के नौवे अवतार का नाम मातंग है। इस अवतार की शक्ति को देवी मातंगी माना जाता है। मातंगी देवी यानी कि राजमाता दस महाविद्यायों की एक देवी हैं।

कमल

    भगवान शंकर के दसवे अवतार का नाम कमल के नाम से प्रसिद्ध है। इस अवतार की शक्ति को देवी कमला के नाम से जाना जाता है।

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