नागलिंग के पेड़ को अंग्रेजी में कैननबॉल ट्री कहा जाता है। नागलिंग के फूल जायांग के ऊपर ऐसे फैलते हैं जैसे एक सांप ने शिवलिंग पर अपना फन फैला दिया हो। इसी वजह से इसे नागलिंग कहा जाता है। आइए जानें इसके बारे में सब कुछ-
कैसा होता है फल
इस पेड़ का फल कैननबॉल की तरह दिखता है। इसलिए इसे कैननबॉल ट्री के नाम से भी जाना जाता है। इसके फलों के कई औषधीय लाभ होते हैं।
चमगादड़ों का फेवरेट
इसके अलावा, नागलिंग के फलों को चमगादड़ काफी पसंद करते हैं।
तेज दुर्गंध आती है
जब ये फल बड़े होते हैं, तो इन फलों से तेज दुर्गंध निकलती है, जिसकी वजह से लोग इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करते।
कहां से आया नागलिंग पेड़
ऐसा माना जाता है कि इस वृक्ष की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका में हुई थी। नागलिंग के पेड़ की ऊंचाई लगभग 3 मीटर होती है। वहीं पत्तियां शाखाओं के सिरों पर गुच्छों में होती हैं।
हजार से ज्यादा फूल
आपको जानकर हैरत हो सकती है कि एक पेड़ पर प्रति दिन लगभग एक हजार से अधिक फूल मौजूद रहते हैं।
क्या है खासियत
इस वृक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अचानक से सभी पत्ते पेड़ों से गिर जाते हैं और सात से 10 दिनों के भीतर, आ भी जाते हैं।
औषधीय लाभ
वहीं नागलिंग वृक्ष के कई औषधीय लाभ भी हैं। पेड़ के अर्क का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है।
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