Gandhi Jayanti 2025: पढ़ें बापू द्वारा लिखी गई किताबें, जो देंगी सत्य और अहिंसा की सीख!

महात्मा गांधी की जयंती पर साल 2025 में इन किताबों को पढ़ना न केवल आपको स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जोड़ सकता है, बल्कि यह हमें जीवन में सादगी, धैर्य और नैतिकता अपनाने की प्रेरणा भी दे सकता है।

Gandhi Jayanti 2025 पर पढ़ें बापू द्वारा लिखी किताबों को

Gandhi Jayanti 2025: महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, यह दिन हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद दिलाता है। गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और सरलता को सर्वोच्च मूल्य माना और इन्हीं सिद्धांतों के जरिए उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कई सारी किताबें भी लिखी है जिसमें उन्होंने अपने सिद्धांतों को बताया है। उनकी सोच और काम आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जाता हैं। इस जयंती पर उनके जीवन, विचारों और संघर्षों को समझने का सबसे प्रभावशाली तरीका है उनकी किताबें पढ़ना। ये किताबें हमें न केवल उनके व्यक्तित्व की गहराई तक ले जाती हैं, बल्कि जीवन में नैतिकता, धैर्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी का महत्व भी सीखा सकती हैं। देखिए 5 बेहतरीन किताबों के विकल्प यहां - 

अपने पसंदीदा किताबों के बारे में अधिक जानकारी के लिए हाउस ऑफ बुक्स की कैटेगरी पर जा सकते हैं।

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    Hind Swaraj

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    महात्मा गांधी के द्वारा लिखी गई हिंद स्वराज मुख्य रूप से ब्रिटिश शासन और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर केंद्रित है। गांधीजी ने इसमें आधुनिक सभ्यता और पश्चिमी विचारधारा की आलोचना करते हुए बताया कि भारत को अपनी स्वतंत्रता केवल अहिंसा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही प्राप्त करनी चाहिए। पुस्तक में गांधीजी ने यह स्पष्ट किया है कि केवल राजनीतिक स्वतंत्रता पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज का नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सत्य, अहिंसा, सरल जीवन और स्वदेशी के सिद्धांतों को अपनाने पर जोर दिया। यह किताब न केवल राजनीतिक विचारों की पुस्तक कही जाती है, बल्कि यह भारतीय समाज के लिए नैतिक मार्गदर्शन भी प्रदान कर सकती है।

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    India of My Dreams: Mahatma Gandhi's Vision for a Free Nation

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    292 पन्नों की यह किताब अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है। गांधी जी ने इस किताब के माध्यम से अपने सपनों के भारत के बारे में बताया है, जो सिर्फ स्वतंत्र और मजबूत नहीं हो, बल्कि नैतिक मूल्यों और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित हो। गांधी जी का मानना था कि असली स्वतंत्रता केवल विदेशी शासन से मुक्ति नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और मानसिक स्वतंत्रता भी होनी चाहिए। गांधी जी ने अपने सपनों के भारत में समानता, शांति और अहिंसा को प्रमुख स्थान दिया। उन्होंने खेती और ग्राम जीवन को महत्व देते हुए, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गांवों की कल्पना की। उनके अनुसार शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि चरित्र निर्माण और नैतिक शिक्षा भी होनी चाहिए। यह किताब गांधीवादी विचारधारा पर आधारित है।

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    Satya Ke Sath Mere Prayog

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    इस किताब को हिन्दी भाषा में लिखी गई है जो कुल 216 पन्नों की है। इस किताब के जरिए गांधी जी ने अपनी आत्मकथा को लिखा है। जिसमें उन्होंने अपने व्यवहार, विचार और निर्णय में हमेशा सत्य को अपनाने की कोशिश की बात कही है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह सरल नहीं था, क्योंकि समाज और परिस्थितियां अक्सर सच बोलने और सच के अनुसार काम करने में कठिनाइयां पेश करती हैं। लेकिन समय के साथ सत्य का मार्ग न केवल आत्म-सम्मान बढ़ाता है, बल्कि दूसरों का विश्वास भी जीतता है। इसमें कई सारे सत्याग्रहों की चर्चा भी की गई है।

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    Satyagraha in South Africa

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    महात्मा गांधी ने अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण लड़ाइयों में से एक दक्षिण अफ्रीका में लड़ी। 1893 में जब वे दक्षिण अफ्रीका आए, तब भारतीयों के साथ वहां भेदभाव और अन्याय होता था। रेलवे में टिकट न मिलने, सार्वजनिक स्थानों में भेदभाव और कानूनों के अन्यायपूर्ण नियमों के खिलाफ उन्होंने विरोध शुरू किया। गांधी जी ने यहां सत्याग्रह की तकनीक का प्रयोग किया। इस किताब में उन्होंने पूरा दक्षिण अफ्रीका के इस सत्याग्रह के बारे में बताया है और साथ ही, कैसे इस घटना के बाद उनके मानसिक बदलाव हो गए यह भी बताया गया है। यह आपको अंग्रेजी भाषा में मिल जाएगी।

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    Trusteeship

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    महात्मा गांधी की पुस्तक ट्रस्टीशिप में उन्होंने आर्थिक असमानता और समाज में संपत्ति के न्यायसंगत वितरण पर विचार प्रस्तुत किए हैं। गांधी का मानना था कि धन और संपत्ति का उपयोग केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। इस सिद्धांत के अनुसार, जो लोग धन और संसाधनों में संपन्न हैं, उन्हें एक प्रकार के ट्रस्टी (विश्वासपात्र) बनकर इसे समाज की भलाई के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। उनका उद्देश्य था कि संपत्ति का केंद्रीकरण कम हो और समाज में सभी को समान अवसर मिलें। यह किताब मात्र 40 पन्नों की है जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है।

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इन्हें भी पढ़ें - 

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Faq's

  • गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है?
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    गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन भारत के राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है।
  • गांधी जी की विचारधारा क्या थी?
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    गांधीजी की विचारधारा के मुख्य स्तंभ सत्य और अहिंसा हैं, जो व्यक्ति और समाज के उत्थान के लिए अहिंसक प्रतिरोध, सादगी, आत्मनिर्भरता और सभी का कल्याण पर जोर देती है।
  • गांधी जी का पूरा नाम क्या है?
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    गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है और उन्हें बापू भी कहा जाता है।