इस साल दुनियाभर में 15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा और वैष्णव समुदाय के लोग 16 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। इस दिन पूजा के साथ-साथ सजावट का भी काफी महत्व होता है। लगो बहुत ठाठ-बाट से कान्हा के अवतरण दिवस के लिए घर और मंदिर की सजावट करते हैं। जन्माष्टमी के दिन मंदिर की सजावट इस उत्सव को और अधिक आनंदमय और दिव्य बनाने का एक तरीका है। मंदिर को सजाने से एक उत्सव का माहौल बनता है जो भगवान कृष्ण के दिव्य आकर्षण को दर्शाता है। मंदिर की सजावट, विशेष रूप से झांकी; लोगों को आकर्षित करती है और उन्हें भगवान कृष्ण के जीवन की कहानियों से परिचित कराती है। ऐसे में आप भी Krishna Janmashtami 2025 के लिए घरे के मंदर को सजाने के लिए तरह-तरह की चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। फूल, मोरपंख, तरह-तरह की लाइटें, दिए, खिलौनें, झूले और अन्य तरह की चीजें मंदिर की साज-सज्जा को तो निखारेंगी ही, साथ-साथ जन्माष्टमी के माहोल को और दिव्य बनाने का काम करेंगी।
कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पर ऐसे कर सकते हैं घर के मंदिर की सजावट
इस साल जन्माष्टमी पर मंदिर को सजाने के लिए, आप रंग-बिरंगे फूलों, लाइट रंगोली, और भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी झांकी का उपयोग कर सकते हैं। भगवान कृष्ण को फूल बहुत पसंद हैं, इसलिए आप Janmashtami 2025 पर मंदिर को रंगीन फूलों जैसे गेंदा, चमेली और मोगरा से सजा सकते हैं। आप चाहें तो इसके लिए नकली फूलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर के मंदिर को रोशन करने के लिए रंगीन झालर, दीपक और मोमबत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मंदिर के सामने या पूजाघर में रंगोली बनाना शुभ माना जाता है, जो न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि देवताओं के स्वागत का भी एक तरीका है। वहीं, आधुनिकता का स्पर्ष जोड़ने के लिए अलग-अलग रंगों वाले गुब्बारों से भी जन्माष्टमी के लिए मंदिर सजाया जा सकता है। वहीं, मोर पंख को मंदिर की दीवारों पर या चित्रों के चारों ओर सजाया जा सकता है। आप मंदिर को तोरण, पताकाओं और अन्य सजावटी वस्तुओं से भी सजा सकते हैं। भोग रखने के लिए आप छप्पन भोग की थाली का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो देखने में तो सुंदर होती ही है; साथ-साथ प्रसाद को अच्छी तरह से रखने में भी मदद करती है।