February Ka Pehla Pradosh Vrat: हिन्दू धर्म के अनुसार, माह में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है जिसे प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एक-एक बार आती है।
ऐसे ही, माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी को पड़ने जा रही है। यानी कि जहां एक ओर 2 फरवरी को माघ माह का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा वहीं, फरवरी महीने का यह पहला प्रदोष होगा।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें प्रदिश व्रत की तिथि के साथ-साथ, इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में भी बताया जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
प्रदोष व्रत की तिथि (Pradosh Vrat Ki Tithi)
हर प्रदोष व्रत सप्ताह के दिन के नाम से जाना जाता है। 2 फरवरी को पड़ने वाला प्रदोष व्रत गुरुवार (गुरुवार के उपाय) के दिन होगा। ऐसे में यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा। प्रदोष व्रत की शुरुआत 2 फरवरी को शाम 4 बजकर 26 मिनट से होगी और इसका समापन 3 फरवरी, दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है लिहाजा प्रदोष व्रत 2 फरवरी को रखा जाएगा।
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प्रदोष व्रत का मुहूर्त (Pradosh Vrat Ka Muhurat)
गुरु प्रदोष व्रत की पूजा शाम को होगी। ऐसे में शाम का पूरा समय आप पूजा के लिए प्रयोग में ला सकते हैं। रात्रि को पूजा कर अनुष्ठान करेंगे तो और भी शुभ माना जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, रात के समय अगर प्रदोष काल में भगवान शिव के मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का 108 बार अखंड जाप किया जाए तो इससे मंत्र सिद्धि होती है और महादेव की कृपा बरसती रहती है।
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प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat Ka Mahatva)
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ता है और मान्यता है कि भगवान शिव (टैलेंट निखारने के लिए भगवान शिव का पाठ) को यह तिथि अत्यंत प्रिय है। ऐसे में भगवान शिव की इस दिन पूजा करने से न सिर्फ अखंड फल की प्राप्ति होती है बल्कि कष्टों का भी निवारण हो जाता है। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को वैवाहिक जीवन के सभी भौतिक सुख भोगने को मिलते हैं और पारिवारिक जीवन भी खुशहाली से संपन्न रहता है। इसके अलावा, घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
तो ये थी फरवरी के पहले और माघ माह के आखिरी प्रदोष व्रत की थिति, मुहूर्त और महत्व की सभी जानकारी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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