Close
चाहिए कुछ ख़ास?
Search

    February Month Pradosh Vrat: इस शुभ मुहूर्त में पड़ेगा फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत, जानें महत्व

    फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत पड़ने जा  रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।   
    author-profile
    • Gaveshna Sharma
    • Editorial
    Updated at - 2023-02-01,11:25 IST
    Next
    Article
    pradosh vrat ki date

    February Ka Pehla Pradosh Vrat: हिन्दू धर्म के अनुसार, माह में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है जिसे प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एक-एक बार आती है। 

    ऐसे ही, माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी को पड़ने जा रही है। यानी कि जहां एक ओर 2 फरवरी को माघ माह का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा वहीं, फरवरी महीने का यह पहला प्रदोष होगा। 

    हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें प्रदिश व्रत की तिथि के साथ-साथ, इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में भी बताया जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। 

    प्रदोष व्रत की तिथि (Pradosh Vrat Ki Tithi) 

    february  pradosh vrat

    हर प्रदोष व्रत सप्ताह के दिन के नाम से जाना जाता है। 2 फरवरी को पड़ने वाला प्रदोष व्रत गुरुवार (गुरुवार के उपाय) के दिन होगा। ऐसे में यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा। प्रदोष व्रत की शुरुआत 2 फरवरी को शाम 4 बजकर 26 मिनट से होगी और इसका समापन 3 फरवरी, दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है लिहाजा प्रदोष व्रत 2 फरवरी को रखा जाएगा।

    इसे जरूर पढ़ें: आखिर गंगा में ही क्यों बहाई जाती हैं अस्थियां?

    प्रदोष व्रत का मुहूर्त (Pradosh Vrat Ka Muhurat) 

    pradosh vrat

    गुरु प्रदोष व्रत की पूजा शाम को होगी। ऐसे में शाम का पूरा समय आप पूजा के लिए प्रयोग में ला सकते हैं। रात्रि को पूजा कर अनुष्ठान करेंगे तो और भी शुभ माना जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, रात के समय अगर प्रदोष काल में भगवान शिव के मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का 108 बार अखंड जाप किया जाए तो इससे मंत्र सिद्धि होती है और महादेव की कृपा बरसती रहती है।  

    इसे जरूर पढ़ें: घर में रखा आटा खोल सकता है धन के मार्ग 

    प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat Ka Mahatva) 

    pradosh vrat ka shubh muhurat

    प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ता है और मान्यता है कि भगवान शिव (टैलेंट निखारने के लिए भगवान शिव का पाठ) को यह तिथि अत्यंत प्रिय है। ऐसे में भगवान शिव की इस दिन पूजा करने से न सिर्फ अखंड फल की प्राप्ति होती है बल्कि कष्टों का भी निवारण हो जाता है। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को वैवाहिक जीवन के सभी भौतिक सुख भोगने को मिलते हैं और पारिवारिक जीवन भी खुशहाली से संपन्न रहता है। इसके अलावा, घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। 

    तो ये थी फरवरी के पहले और माघ माह के आखिरी प्रदोष व्रत की थिति, मुहूर्त और महत्व की सभी जानकारी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

    Image Credit: Pinterest, Shutterstock

    Disclaimer

    आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

    बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें

    Her Zindagi