अब प्रदुषण कितना भी बढ़ जाए... जो कि आजकल बढ़ ही रहा है, विकास तो हमलोग कर ही रहे हैं। इस विकास का ही नतीजा है कि आज हम abortion कराने के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल कर पाते हैं जो काफी आसानी से हो जाते हैं और हमें तकलीफ भी नहीं देते। नहीं तो, 19वीं सदी तक लोग abortion कराने के लिए ऐसे अमानवीय तरीकों का इस्तेमाल करते थे जिनके बारे में जानकर ही आज हमारी रुह कांप जाती है। आज हम इस आर्टिकल में इन अमानवीय तरीकों के बारे में जानते हैं और भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं।
इसका इस्तेमाल यूरोप से लेकर मध्य भारत की महिलाएं abortion के लिए करती थीं। ये ऑयल एक तरह की जंगली झाड़ियों को पीस कर निकाला जाता था। इस ऑयल से शरीर के अंदर के अंग सड़ने लगते हैं। गर्भवती महिलाएं इस ऑयल को अपने गर्भ को सड़ाने के लिए पीती थीं। इस ऑयल का इस्तेमाल ही किसी चीज को सड़ाने के लिए किया जाता है।
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पहले abortion के बारे में किसी को मालूम नहीं था। मालूम था कि गर्भ में बच्चा पल रहा है जिसे खत्म कर आप इससे मुक्ति पा सकते हैं। इसलिए लोग कैसे भी इससे मुक्ति पाने का तरीका ढूंढते थे। इन तरीकों में सबसे पहला तरीका था- Vagina में Leech डालना। Leech गर्भ में जाकर, गर्भ में पल रहे बच्चे का खून चूस लेता है जिससे की बच्चा मर जाता है।
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इसका तो नाम सुनते ही मुंह में मिर्च लग जाती है। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि बच्चा गिराने के लिए जब इसका इस्तेमाल होता था तो कितना दर्द होता होगा। महिलायें गर्भ में पल रहे बच्चे को खत्म करने के लिए खूब सारी लाल मिर्ची खाती थीं। जिससे गर्भ बन ही नहीं पाता था।
पुराने जमाने में महिलाएं गर्भपात कराने के लिए बेकिंग सोडा खाती थी। बेकिंग सोडा गर्म करता है। अब आफ सोच सकती हैं कि ये गर्भ को तो गिराता ही होगा लेकिन ये पेट का भी कितना नुकसान करता होगा। इसी तरह बेकिंग सोडा के ऑप्शन के तौर पर कुछ महिलाएं गनपाउडर भी खाती थीं।
ऐसा एक्सीडेंटली होता है। लेकिन पहले महिलाएं इसे abortion कराने के लिए इस्तेमाल करती थीं। इससे कई बार महिलाओं की मौत भी हो जाती थी। जिनकी मौत नहीं होती उनके बाकी के हिस्सों को काफी नुकसान होता था।
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