लोगों के दिमाग में प्रकृति और इस दुनिया को लेकर तरह-तरह के सवाल घूमते हैं। ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसका जवाब अभी साइंस भी नहीं कर पाया है। इस धरती पर पेड़-पौधों से लेकर मानव जाती, पहाड़ और समुद्र जैसी हजारों चीजें अपने अंदर कोई न कोई राज छुपाए हुए है। इंसान हर उस चीज के तह तक जाना चाहता है, जिसके बारे में उसके मन में सवाल उठते हैं। एक तरफ जहां मनुष्य चांद पर कदम रख चुका है, तो वहीं मंगल की तस्वीरें खीचने के साथ-साथ ऐसे कई उदाहरण है, जो हमें गर्व महसूस करवाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी के अंदर कितनी गहराई तक एक मनुष्य जा सकता है। अगर आपके भी मन में यह सवाल आता है, तो इससे जुड़ी कुछ जानकारी हम आपको विस्तार से बताएंगे।
कितने गहराई तक जा चुका है इंसान?
- साल 1970 की बात है जब रूस में समुद्री तेल कुआं खुदवाने की तैयारी की गई थी। इस खुदाई से ही धरती की गहराई जानने की भी कोशिश हुई थी। मशीनों की मदद से पूरी कोशिश की जा रही थी कि धरती की गहराई का पता लगाया जा सके।
- छेत्र जितना गहरा किया जा सके, उतना गहरा बनाने की कोशिश हो रही थी।
- जैसे-जैसे खुदाई अंदर तक हो रही थी, नीचे तापमान ऐसे बढ़ा जा रहा था, जिसकी वजह से हालात, ऐसे हो गए थे कि अब लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। दरअसल, खुदाई करते-करते 180°C तक तापमान पहुंच चुका था।
- इतनी ज्यादा गर्मी की वजह से ड्रिल के बिट्स और पाइप्स खराब हो गए थे।
- उस समय खुदाई धरती के नीचे लगभग 12 किलोमीटर तक हुई थी। मशीन की मदद से 12 किमी लंबा खद्दा अंदर खोद दिया गया था, लेकिन फिर खुदाई रोकनी पड़ी।
- 1992 में ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया और लगभग एक दशक बाद प्रोजेक्ट साइट को छोड़ दिया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि लगभग 19 साल की मेहनत के बाद भी केवल 12 किमी लंबा खड्डा ही खोदा गया था।
- कोला सुपर डीप बोरहोल में खुदाई हुई थी, जो रूस में है। इसे पृथ्वी की सबसे गहरी मानव निर्मित जगह का रिकॉर्ड मिला और अभी तक इस रिकॉर्ड को तोड़ा नहीं जा सका है।
- कोला सुपर डीप बोरहोल लगभग 12,289 मीटर है। इसे दिखने में एक सुरंग की तरह तैयार किया गया है।

नरक कुआ कहते हैं लोग
स्थानीय लोग इसे नरक का कुआं इसलिए कहते हैं, क्योंकि सपने में भी इसके बारे में सोचा नहीं जा सकता। इस गड्ढे का व्यास मात्र 9 इंच यानी लगभग 23 सेंटीमीटर है। इस गड्डे को बंद करके रखा जाता है। अब तक धरती की गहराई में जाने की कोशिश कई बार की गई है, लेकिन कोई भी इससे नीचे नहीं जा पाया है।
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