By Saudamini Pandey27 Mar 2019, 13:22 IST
भारत को ट्रैवलर्स के लिए स्वर्ग माना जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में सैलानियों के घूमने के लिए इतना कुछ है कि वे नए-नए एक्सपीरियंस हासिल कर सकते हैं। चाहें वे कुदरती खूबसूरती वाली लोकेशन्स हों या फिर सी-बीच, मंदिर हों या एतिहासिक स्थल, इन सभी जगहों पर जाकर घूमने का मजा आ जाता है। लेकिन अगर आपकी रुचि विशेष रूप से भारत के ऐतिहासिक स्थलों में है, तो आपको भारत के इन चर्चित मॉन्यूमेंट्स की सैर जरूर करनी चाहिए। हमने इन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में लोगों से पूछे सवाल और उन्होंने इसके किस तरह से दिलचस्प जवाब दिए, यह जानने के लिए आप वीडियो देख सकते हैं। बहरहाल हम वीडियो में दिखाए गए इन ऐतिहासिक स्थलों के महत्व के बारे में आपको जरूर बताना चाहेंगे-
लाल किला देश की उन सुप्रसिद्ध इमारतों में से एक है, जिसे देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से देखने के लिए लोग आते हैं। लाल किले का निर्माण 1648 में मुगलों की पांचवी पीढ़ी के शासक शाहजहां ने अपने महल के तौर पर करवाया था। उस समय भारत इतना समृद्ध था कि इसे 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। तत्कालीन समय के ऐश्वर्य और स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है लाल किला। चूंकि यह भवन लाल रंग का था, इसीलिए इसका नाम लाल किला पड़ गया। गौरतलब है कि मुगलों ने यहां 200 साल तक निवास किया था।
आगरा का किला भी दिल्ली के लाल किले के जैसा ही नजर आता है। इस किले में घूमते हुए आपको मुगलकालीन शानोशौकत नजर आएगी। किले में लगने वाला दरबार यानी दीवान-ए-आम, मुगलकाल के अफसरों के लिए योजनाएं बनाने का स्थल दीवान-ए-खास, बंगाली झोपड़ी के आकार की छतों वाला स्वर्ण मंडप जैसे स्थल आपका मन मोह लेंगे। यहां की मोती मस्जिद को देखना भी आपके लिए एक अनूठा अनुभव होगा। दरअसल यहां हरम में रहने वाली महिलाएं नमाज अदा किया करती थीं। व्हाइट मार्बल की बनी इस छोटी सी मस्जिद के अहाते में बैठकर आप गुजरे जमाने के सुनहरे अतीत की कल्पना कर सकती हैं। साथ ही यहां नगीना मस्जिद, रंग महल, शीशमहल, मछली महल की सुंदरता भी देखने लायक है। कुल मिलाकर आगरा का किला देखना आपके लिए पूरी तरह से पैसा वसूल है।
शांति के दूत रहे मौर्य काल के सम्राट अशोक ने सांची के स्तूप का निर्माण कराया था। यह स्तूप भगवान बुद्ध को समर्पित किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रतीक भारत में सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में शुमार सांची का स्तूप एक छोटे से गांव में है जो भोपाल, मध्य प्रदेश से 52 किलोमीटर दूर। अपने अद्भुत आर्कीटेक्चर के कारण सांची स्तूप यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों के अंतर्गत आने वाले स्थलों में शुमार है। यह स्तूप बौध धर्म की शांति की भावना के प्रसार हेतु बनवाया गया था। गौरतलब है कि अपने समय के सबसे प्रभावशाली राजा रहे सम्राट अशोक का कलिंग विजय के दौरान हुई हिंसा से हृदय परिवर्तन हो गया था और इसके बाद उन्होंने हिंसा का मार्ग पूरी तरह से त्याग कर बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था।
भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित है यह ऐतिहासिक स्थल। चारमीनार का निर्माण 1591 ईस्वी में हुआ था। यह इमारत दरअसल एक स्मारक और मस्जिद है। विश्व धरोहर कहे जाने वाले चार मीनार का निर्माण मुसी नदी के पूर्वी तट पर किया गया है। चार मीनार के बाईं तरफ लाड बाज़ार और दक्षिण की तरफ मक्का मस्जिद स्थित है।
यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शुमार खजुराहो के मंदिर मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में सबसे अनूठे ऐतिहासिक स्थल है। दरअसल ये हिन्दू और जैन मंदिरों का समूह है, जो झाँसी से 175 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है। खजुराहो अपनी नागरा आकृति और कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए विश्वविख्यात है। खजुराहो के मंदिरो का निर्माण 950 और 1050 ईस्वी में चंदेला राजाओं के समय में हुआ था। इतिहासिक के एक्सपर्ट्स के अनुसार 12वीं सदी से खजुराहो मंदिरो के समूह में कुल 85 मंदिर हैं, जो 20 किलोमीटर वर्ग के दायरे में स्थित हैं। इनमें से अब केवल 20 मंदिर ही बचे हुए है जो 6 किलोमीटर के दायरे में रह गए हैं।