भगवान श्री कृष्ण के भक्त पूरे वर्ष भर जन्माष्टमी के त्योहार का इंतजार करते रहते हैं। अब उनके इंतजार का अंतिम चरण चल रहा है क्योंकि हफ्तेभर बाद ही जन्माष्टमी है। मगर अभी भी भक्तों के मन में यह प्रश्न उमड़ रहा है कि आखिर मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी। इतना ही नहीं, जन्माष्टमी के दिन होने वाली खास मंगला आरती के समय और महत्व के बारे में भी भक्त जानना चाहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि मथुरा-वृंदावन के मंदिरों और घरों में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी और मंगला आरती का शुभ समय क्या होगा।
मथुरा-वृंदावन में कब होगा श्री कृष्ण जन्मोत्सव?
वैसे तो कई बार ऐसा होता है कि मंदिरों और घरों की जन्माष्टमी अलग-अलग होती है, मगर इस बार देश भर में 16 अगस्त को ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। बृज भूमि में भी इसी दिन नंदलाल का जन्म होगा। जन्माष्टमी का दिन वृंदावन, मथुरा, गोकुल और नंदगांव में बहुत ज्यादा खास होता है। इस दिन सुबह से ही मंदिरों और घरों में सजावट शुरू हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह झांकियां सजने लगती हैं और रासलीला का आयोजन होता है। अगर आप भी इस बार जन्माष्टमी को खास अंदाज में मनाना चाहती हैं, तो इस दिन बृज भुमि में जरूर आएं।
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मंगला आरती का क्या सही समय?
मंगला आरती के बारे में जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि इसे मंगला आरती कहा क्यों जाता है। दरअसल, मंगला का अर्थ होता है मंगल। मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी के दिन को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि श्री कृष्ण के जन्म के बाद से ही इस धरती को एक वरदान सा प्राप्त है कि यहां के लोगों के साथ हमेशा सब मंगल ही होता है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन हर साल मध्य रात्रि 12 बजे मंगला आरती गाई जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन रात में लड्डू गोपाल का पंचमृत से अभिषेक भी किया जाता है, जिसका दृश्य बहुत ही अद्भुद अनुभूति देता है।
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तो अगर आप भी इस बार मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी मनाना चाहती हैं, तो 14 या 15 अगस्त को ही यहां आ जाएं और किसी होटल में कमरा बुक करके रहें, क्योंकि इस दिन यहां बहुत ज्यादा भीड़ होती है और मंदिर में जाने के लिए आपको लंबी लाइन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जिनती जल्दी आप यहां आएंगे उसी हिसाब से आपके मंदिर में जा पाने की व्यवस्था हो पाएगी। यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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