सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, और यह भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे महीने में भक्तगण भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं। सावन की पूर्णिमा, जिसे श्रावण पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस पवित्र महीने का समापन करती है और भगवान शिव की पूजा के लिए इसका विशेष महत्व है। इस दिन रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व है, जिसमें शिवलिंग को विभिन्न पवित्र द्रव्यों से स्नान कराया जाता है। रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे आध्यात्मिक शांति मिलती है। अब ऐसे में इस दिन भगवान शिव को क्या चढ़ाने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं शहद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव को शहद चढ़ाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा है या लंबे समय से अस्वस्थ है, तो सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को शहद चढ़ाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। माना जाता है कि शिव जी आरोग्य का आशीर्वाद देते हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को इस दिन शिवलिंग पर शहद अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं सफेद चंदन
पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा से होता है। सफेद चंदन चंद्रमा का कारक भी माना जाता है। इस दिन शिवजी को चंदन चढ़ाने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे मन शांत रहता है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपके जीवन में मानसिक शांति नहीं है तो सावन पूर्णिमा के दिन शिव जी को सफेद चंदन चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं दही
सावन पूर्णिमा के दिन दही चढ़ाने से चंद्रमा भी मजबूत होता है, क्योंकि दही का संबंध चंद्रमा से माना जाता है। चंद्र देव मन और मानसिक शांति के कारक हैं, और उनकी कृपा से व्यक्ति को मानसिक स्थिरता और शांति मिलती है। इससे व्यक्ति को आत्मिक शांति भी मिलती है।
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सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं काले तिल
ज्योतिष शास्त्र में काले तिल का संबंध शनि देव और राहु-केतु से भी जोड़ा जाता है। सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को काले तिल चढ़ाने से शनि दोष, राहु-केतु के अशुभ प्रभावों और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि काले तिल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह पापों का नाश करने वाला और सौभाग्य वृद्धि करने वाला माना गया है।
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Image Credit- HerZindagi
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