हिंदू धर्म में कई तीज-त्योहार और व्रत-पूजा आती हैं। मगर उनमें से कुछ व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और महीने में 2 बार आते हैं। प्रदोष का व्रत भी उन्हीं में से एक है। हम हर महा आपको बताते हैं कि इस बार प्रदोष व्रत कब-कब पड़ रहा है और इसे रखने की सही विधि क्या है। इस बार भी पंडित सौरभ त्रिपाठी हमें बताते हैं कि प्रदोष व्रत सितंबर माह में कब पड़ रहा है। वह कहते हैं, "इस बार दोनों ही व्रत शुक्रावर के दिन है। यह दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित है। शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखने के साथ-साथ आपको कुछ और भी चीजें करनी चाहिए, ऐसा करने पर अपके जीवन से हर प्राकार के दोष, कष्ट और पाप मिट सकते हैं। "
सितंबर 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियां एवं शुभ मुहूर्त
इस बार भाद्रपद माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर और अश्वनि माह की कृष्ण त्रयोदशी 18 सितंबर को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। दोनों ही दिनों में शुक्रवार का दिन पड़ रहा है। पंडित जी दोनों प्रदोष व्रत के लिए पूजा के श्रेष्ठ मुहूर्त बताते हैं-
भद्रपदशुक्र प्रदोष व्रत (First Shukra Pradosh)
- तिथि - 5 सितंबर 2025
- समय- प्रदोष सुबह 4:08 बजे से प्रारंभ हो कर 6 सितंबर 2025, सुबह 3:12 बजे तक रहेगा।
- पूजा का श्रेष्ठ समय - शाम 6:38 बजे से लेकर रात 8:55 बजे तक पूजा करने का सर्वोत्तम समय रहेगा।
- महत्व- भद्रपद माह में शुक्रवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत आपको दांपत्य सुख के साथ-साथ भौतिक संपत्ति और सौभाग्य देकर जाता है।

अश्वनि शुक्र प्रदोष व्रत (Second Shukra Pradosh)
- तिथि- 18 सितंबर 2025
- समय- प्रदोष रात 11:24 बजे से प्रारंभ हो कर 19 सितंबर 2025, रात 11:36 बजे तक रहेगा।
- पूजा का श्रेष्ठ समय- शाम 6:21 बजे से लेकर रात 8:43 बजे तक इस दिन आप पूजा करेंगी तो आपको सर्वोत्तम फल प्राप्त होगा।
- महत्व- अश्वनि माह में शुक्रवार को पड़ रहा प्रदोष व्रत आपके शत्रुओं को दूर करता है, पति की उम्र बढ़ाता है और वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है।
शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है ?
शुक्रवार के दिन पड़ रहे प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा आप विशेष विधि से कर सकती हैं-
- व्रत वाले दिन आपको स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपके पास नए और साफ वस्त्र हों तो आपको व्रत वाले दिन पहनलेना चाहिए।
- अब शिव पार्वती की प्रतिमा पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत आदि से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद धूप दीप आदि दिखाकर मंत्र जाप करना चाहिए।
- आप आज के दिन 108 बार शिव जी का जाप "ॐ नमः शिवाय" कर सकती हैं। हो सके तो आपको आज शिव जी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राष्टक का पाठ करना चाहिए।
- आज आप किसी भी सफेद वस्तु का दान जरूर करें। इसमें आप खाने-पीन और पहने की चीजों का दान कर सकती हैं।
- आज के दिन आप फलहार और निर्जला कैसा भी व्रत रख सकती हैं। इसे बाद का ध्यान रखें कि अपना उपवास आपको प्रदोष काल में ही खोलना है।
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